शर्तिया इलाज जैसे शब्दों से परहेज करें डॉक्टर : कुलकर्णी
रांची स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने होम्योपैथ चिकित्सकों से शर्तिया इलाज जैसे शब्दों से परहेज करें।
रांची : स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने होम्योपैथ चिकित्सकों से 'शर्तिया इलाज' जैसे शब्दों से परहेज करने की नसीहत दी है। साथ ही इलाज के इस पद्धति को बढ़ावा देने के लिए राज्य में बेहतर संरचना विकसित करने का आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य सचिव बुधवार को स्टेट योगा सेंटर में हैनिमैन की 264वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। विश्व होम्योपैथी दिवस पर आयुष निदेशालय तथा इंडियन होम्योपैथी आर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने होम्योपैथ तथा देसी चिकित्सा से जुड़े अन्य चिकित्सकों से दूसरों की आलोचना करने के बजाए अपने ज्ञान में वृद्धि करने की भी नसीहत दी। कहा कि चिकित्सक अपने ज्ञान को बढ़ाकर रोगों को ठीक करने में अपनी निरंतरता बनाए रखें। चिकित्सा की सभी पद्धतियों की अपनी-अपनी विशेषताएं और सीमाएं हैं। जिसकी जानकारी रखना जरूरी है। इससे पहले, आयुष निदेशक डा. मीरा चौधरी ने उपस्थित चिकित्सकों से इस पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए काम करने का आह्वान किया। केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद की रांची इकाई के प्रभारी डा. सुनील प्रसाद ने कविता के माध्यम से हैनिमैन की उपलब्धियां बताई। डा. यूएस वर्मा ने कहा कि होम्योपैथ कई जटिल रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए इंडियन होम्योपैथी आर्गेनाइजेशन के प्रदेश सचिव डा. अरविंद ने आयुष में सभी रिक्त पदों को शीघ्र भरने की मांग की। डा. एसबी सिंह ने हैनिमैन के जीवन पर प्रकाश डाला। मौके पर डा. पंकज मेहता, डा. अशोक पासवान, डा. मुकुल दीक्षित आदि उपस्थित थे।
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