बिजली देते नहीं, फिर क्यों बढ़ा रहे हैं बोझ
रांची : बारिश की ही तरह ग्रामीणों को बिजली का भी इंतजार रहता है।
जागरण संवाददाता, रांची : बारिश की ही तरह ग्रामीणों को बिजली का भी इंतजार रहता है। घर में चार बल्ब हैं और मुश्किल से चार घंटे ही जला पाते हैं। पोल टेढ़े हैं, तार टूट जाते हैं तो दो दिनों तक बिजली नहीं मिलती। ऐसे में बिजली बिल का बढ़ना गरीबों के लिए बोझ के समान है। ये बातें विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई में राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों ने कही।
मंगलवार को जेबीवीएनएल द्वारा प्रस्तावित बिजली टैरिफ पर जनसुनवाई आइएमए हॉल में चल रही थी। सुनवाई में उद्योगपतियों ने भी निगम से तीखे सवाल किए। लगातार बिजली कट, अंडरग्राउंड केबलिंग और बिजली बिलिंग की सभी खामियों को मजबूती से रखते हुए उन्होंने निगम को असमर्थ बताया। इसके जवाब में निगम की ओर से केवल सुदृढ़ीकरण का हवाला दिया जा सका।
निगम को पैरों पर खड़े होने के लिए फंड जरूरी
निगम की ओर से लोगों के सवालों के जवाब देते हुए मुख्य अभियंता (वाणिज्य एवं राजस्व) सुनील ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में बिजली व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण का दौर चल रहा है। इसके कारण बिजली कट की समस्या उत्पन्न हो रही है। नई बिजली दर के पक्ष में उन्होंने कहा कि निगम को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए फंड की जरूरत है। उन्होंने ऑनलाइन सिस्टम पर अपनी बात रखी और कहा कि इससे लोगों की समस्याएं दूर हो सकेंगी। कैंडल जला कर हो रही है पढ़ाई, फिक्स्ड चार्ज हटाया जाए
नामकुम की छात्रा दिव्या कुमारी द्वारा कैंडल जलाकर पढ़ाई करने की बात पर सबने कड़ी प्रतिक्रिया दी। अपनी बात रखते हुए हेमलता उरांव ने कहा कि गावों की स्थिति शहरों से अलग है। तार टूट जाए तो दो दिनों तक बिजली नहीं आती है। ऐसे में शहरों की तरह गावों से फिक्स्ड चार्ज लेना बंद करें। उन्होंने कहा कि बिल 15 रुपये होता है और फिक्स्ड चार्ज लगा कर उसे 100 रुपये बना दिया जाता है। इस बात का समर्थन रामू उरांव, विनोद तिग्गा, ओमप्रकाश आदि दर्जनों लोगों ने किया। बिजली चोरी पर अंकुश नहीं, दर बढ़ाना गलत
अपनी बात रखते हुए उद्योगपतियों ने मुखर होकर बिजली चोरी, घूसखोरी और कर्मियों की कमी पर सवाल उठाए गए। आरपी शाही ने कहा कि सभी स्तर पर चोरी की जा रही है और अधिकारी घूस ले रहे हैं। अजय भंडारी ने कहा कि बिजली निगम नियामक आयोग के निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है। छह महीने तक बिलिंग नहीं होती है, व्यापक स्तर पर चोरी हो रही है। ऐसे में निगम का नुकसान जाहिर है। बिजली दर में बढ़ोतरी समाधान नहीं है।
सुनवाई के दौरान नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद प्रसाद, सदस्य आरएन सिंह और सचिव अरविंद कुमार मेहता उपस्थित हुए। मौके पर मुख्य अभियंता (वाणिज्य एवं राजस्व) सुनील ठाकुर, एरिया बोर्ड के महाप्रबंधक संजय कुमार, अधीक्षण अभियंता अजीत कुमार और सभी डिवीजन के कार्यपालक अभियंता उपस्थित थे।