बिना वेतन के गुजर गई हाई स्कूल के नवनियुक्त शिक्षकों की दीपावली, छठ के पूर्व भुगतान के लिए डिमांड Ranchi News
झारखंड सरकार की नियोजन नीति के आधार पर नियुक्ति पाकर स्कूलों में सेवा देने वाले हाई स्कूल के शिक्षकों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं। हाईकोर्ट से अनुसूचित जनजाति वाले जिले में पदस्थापित शिक्षकों की नियुक्ति अवैध करार दिए जाने के बाद इनका शोषण हो रहा है।
रांची (जागरण संवाददाता): झारखंड सरकार की नियोजन नीति के आधार पर नियुक्ति पाकर स्कूलों में सेवा देने वाले हाई स्कूल के शिक्षकों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं। झारखंड हाईकोर्ट की ओर से अनुसूचित जनजाति वाले जिले में पदस्थापित शिक्षकों की नियुक्ति अवैध करार दिए जाने के बाद लगातार इन शिक्षकों का शोषण हो रहा है। मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
न्यायालय ने फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है। शिक्षक स्कूलों में सेवा दे रहे हैं। इसके बावजूद इन शिक्षकों के वेतन का नियमित भुगतान नहीं किया जा रहा है। राज्य के कई जिलों में 4-4 माह से इन शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। शिक्षकों की दीपावली बिना वेतन के गुजर गई है। छठ से पहले भी वेतन मिलने की कोई आस नजर नहीं आ रही। यह स्थिति तब है जब माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए बजट पूर्व में ही जिलों को भेज दिया गया है। इसके बावजूद कई जिलों में शिक्षकों के वेतन को रोक कर रखा गया है। लिपिक और जिलों में स्थापित शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कई जगह वेतन भुगतान के बदले प्रतिमाह प्रति शिक्षक सौ- सौ रुपए भुगतान करने का दबाव बनाया जा रहा है। पहले से चंदा इकट्ठा कर सुप्रीम कोर्ट में अपनी लड़ाई लड़ रहे इन शिक्षकों के लिए यह किसी शोषण से कम नहीं।
शिक्षकों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को लिखा पत्र
अलग-अलग जिलों के शिक्षक अपनी नौकरी बचाने के लिए संयुक्त मोर्चा बनाकर अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। शिक्षकों के एक गुट ने अलग-अलग जिलों में चल रहे इस वसूली की खेल की जांच कराने की मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखा है। इसके साथ ही शिक्षकों से मांगी जा रही राशि संबंध में अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप में चल रहे संवाद का स्क्रीनशॉट भी इसके साथ संलग्न किया है।