PM Modi: मोदी @ 20 पुस्तक पर झारखंड में मंथन, झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जुटे विद्वान, सुनिए किसने क्या कहा
Modi 20 Dreams Meat Delivery झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में शनिवार को मोदी20 ड्रिम्स मीट डिलेवरी पुस्तक पर परिचर्चा के लिए कई क्षेत्रों के विद्वान जुटे थे। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष कड़िया मुंडा मुख्य अतिथि थे। विद्वानों ने इस पुस्तक को अहम बताते हुए लोगों से पढ़ने की अपील की।
रांची, जागरण संवाददाता। Modi @ 20 Dreams Meat Delivery झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शनिवार को मोदी @ 20 ड्रिम्स मीट डिलेवरी पुस्तक पर चर्चा हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 वर्षों की राजनीतिक यात्रा पर चर्चा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कड़िया मुंडा रहे, जो 15वीं लोकसभा के डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं। मुख्य अतिथि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कई प्रेरक शब्दों के साथ कार्यक्रम को संबोधित किया।
पीएम मोदी ने स्वयं को दार्शनिक रूप में विकसित किया
उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी ने अपने प्रारंभिक बचपन के जीवन के बारे में बताया है, जो एक संघर्ष से शुरू हुआ था। बहुत कम उम्र में उन्होंने एक निर्णय लिया जिसने उनके जीवन की गति को बदल दी। उन्होंने अपना घर छोड़ने का फैसला किया। देश के विभिन्न हिस्सों में कई संस्कृतियों की खोज करते हुए, देश के विशाल परिदृश्य की यात्रा की। इस यात्रा में उन्होंने शासन और नीतिगत निर्णयों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को हल करने के लिए अपने स्वयं के दार्शनिक तरीके विकसित किया।
पीएम के बीस वर्षों के कार्यकाल का व्यापक रूप से पुस्तक
कड़िया मुंडा ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के अन्य नेताओं से अलग हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी जीवन यात्रा के दौरान एकत्र किए गए अपने विशाल अनुभवों को जमीनी स्तर पर उतारा। उनका नारा हमेशा देश को ऊपर उठाने के लिए सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी एट 20 पुस्तक प्रधानमंत्री के दो दशकों के कार्यकाल पर एक व्यापक रूप प्रदान करती है।
अर्थशास्त्र के मूल सिद्धांतों पर दिया जोर: कुलपति
सीयूजे के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने कहा कि इस पुस्तक में अर्थशास्त्र के मूल सिद्धांतों पर जोर दिया गया है, जो पूंजीवाद के माध्यम से समाजवाद है। पिरामिड के नीचे अंत्योदय जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि सबका साथ, सबका विकास यानी लोक कल्याण उनके शासन के केंद्र में निहित है। चुनौतियों को अवसर में कैसे बदला जा सकता है ये हमारे प्रधानमंत्री से बेहतर कोई नहीं बता सकता।
पीएम के हर काम में लोक कल्याण की भावना निहित
सामाजिक, शैक्षणिक, विज्ञानी या आर्थिक सभी क्षेत्र में लोक कल्याण निहित रहता है। एक सोच को सफलता की ओर ले जाने के लिए नरेंद्र मोदी ने सोच को जनांदोलन से जोड़ा। चाहे डिजिटल इंडिया हो या फिर स्वच्छ भारत अभियान। सभी में वह समाज के साथ जमीनी स्तर से जुड़े रहे।
कुलपति ने कहा कि देश के जीवन के सभी क्षेत्रों से कई विद्वान और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने पुनरुत्थान और पुष्टि को लिखा है। इस सूची में सुरजीत भल्ला, प्रो अरविंद पनगढ़िया, अशोक गुलाटी जैसे अर्थशास्त्री, डा देवी शेट्टी और डा बरई जैसे विद्वान शामिल हैं।