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Pension Yojana: दिव्‍यांगों के बारे में यह खबर आप भी जानिए... सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला...

Disability Pension Scheme Viklang Pension Yojana 2021 दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं तथा शिक्षा व नौकरियों में आरक्षण का लाभ लेने को उनके पास दिव्यांगता प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से होना चाहिए। दिव्यांगता के प्रकार तथा स्थिति के आधार पर यह प्रमाणपत्र संबंधित जिले के सिविल सर्जन द्वारा जारी किया जाता है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 09:21 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 04:18 AM (IST)
Pension Yojana: दिव्‍यांगों के बारे में यह खबर आप भी जानिए... सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला...
Disability Pension Scheme, Viklang Pension Yojana 2021: पूरे देश में 28.8 फीसद दिव्‍यांगों को ही प्रमाणपत्र मिला है।

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। Disability Pension Scheme, Viklang Pension Yojana 2021 दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं में लाभ तथा शिक्षा व नौकरियों में आरक्षण का लाभ लेने के लिए उनके पास दिव्यांगता प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से होना चाहिए। दिव्यांगता के प्रकार तथा स्थिति के आधार पर यह प्रमाणपत्र संबंधित जिले के सिविल सर्जन द्वारा जारी किया जाता है। झारखंड की बात करें तो यहां 30.30 फीसद दिव्यांगों काे यह प्रमाणपत्र मिला है। यह राष्ट्रीय औसत से बेहतर है, क्योंकि पूरे देश में 28.8 फीसद को ही यह प्रमाणपत्र मिला है। केंद्रीय सांख्यिकी एवं क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा पिछले माह के अंतिम सप्ताह में जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

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रिपोर्ट के अनुसार, देश के एक दर्जन राज्यों में राष्ट्रीय औसत से अधिक दिव्यांगों को प्रमाणपत्र मिला है। इनमें झारखंड भी शामिल है। वहीं, 16 राज्यों में यह दर राष्ट्रीय औसत से कम है। पूरे देश में तेलंगाना ही एकमात्र राज्य है जहां आधे से अधिक दिव्यांगों को यह प्रमाणपत्र मिला है। सबसे फिसड्डी अरुणाचल प्रदेश है जहां के 10.60 फीसद दिव्यांगों को ही यह लाभ मिला है।

रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में लगभग 21 फीसद दिव्यांग सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हैं। बड़ी बात यह है कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों के दिव्यांग सरकारी लाभ अधिक लेते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 22.6 फीसद जबकि शहरी क्षेत्रों में 14 फीसद दिव्यांग ही सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हैं। वहीं, राज्य में एक फीसद से भी कम दिव्यांगों को एनजीओ से किसी प्रकार का लाभ मिलता है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में लगभग दो फीसद दिव्यांग अकेले रहते हैं। राज्य के कुल दिव्यांगों में 33.5 फीसद जन्म से ही दिव्यांग हैं।

48.6 फीसद दिव्यांग हैं साक्षर, 17 फीसद मैट्रिक पास

झारखंड में सात वर्ष से अधिक आयु के 48.6 फीसद दिव्यांग ही साक्षर हैं। पुुरुषों में साक्षरता दर 57.7 फीसद तथा महिलाओं में 35 फीसद है। ग्रामीण क्षेत्रों के दिव्यांगों में साक्षरता दर 44 फीसद हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में 64.4 फीसद दिव्यांग साक्षर हैं। राज्य के लगभग 17 फीसद दिव्यांग मैट्रिक पास हैं। पुरुषों व महिलाओं में यह दर क्रमश: 21.6 तथा 9.8 फीसद है।

झारखंड के कितने दिव्यांग लेते सरकारी लाभ (आंकड़े प्रतिशत में)

लाभ - पुरुष - महिला - कुल

  • सरकारी लाभ 22.4 18.3 20.7
  • एनजीओ से लाभ 0.9 0.8 0.9

देश के दिव्यांगों की संख्या में राज्यों की हिस्सेदारी (आंकड़े प्रतिशत में)

  1. असम : 1.79
  2. हरियाणा : 2.04
  3. छत्तीसगढ़ : 2.33
  4. पंजाब : 2.44
  5. केरल : 2.84
  6. झारखंड : 2.87
  7. गुजरात : 4.07
  8. तमिलनाडु : 4.40
  9. ओडिशा : 4.64
  10. कर्नाटक : 4.94
  11. मध्य प्रदेश : 5.79
  12. राजस्थान : 5.83
  13. बंगाल : 7.52
  14. आंध्र प्रदेश : 8.45
  15. महाराष्ट्र : 11.5
  16. उत्तर प्रदेश : 15.5 नोट : अन्य राज्यों में हिस्सेदारी एक फीसद से कम है।

इन राज्याें में राष्ट्रीय औसत से अधिक दिव्यांग को प्रमाणपत्र (आंकड़े प्रतिशत में)

  1. झारखंड : 30.3
  2. गुजरात : 31.0
  3. दिल्ली : 32.6
  4. बिहार : 32.9
  5. गोवा : 33.5
  6. केरल : 36.6
  7. आंध्र प्रदेश : 37.6
  8. हिमाचल प्रदेश : 38.2
  9. तमिलनाडु : 38.4
  10. मेघालय : 39.7
  11. कर्नाटक : 40.8
  12. त्रिपुरा : 48.4
  13. तेलंगाना : 48.4

इन राज्याें में राष्ट्रीय औसत से अधिक दिव्यांग को मिले प्रमाणपत्र (आंकड़े प्रतिशत में)

  1. अरुणाचल प्रदेश : 10.6
  2. असम : 16.5
  3. मिजोरम : 16.5
  4. पंजाब : 16.8
  5. मणिपुर : 19.3
  6. उत्तर प्रदेश : 19.6
  7. नगालैंड : 21.1
  8. हरियाणा : 21.6
  9. सिक्किम : 23.0
  10. राजस्थान : 24.4
  11. छत्तीसगढ़ : 25.4
  12. महाराष्ट्र : 27.6
  13. पश्चिमी बंगाल : 27.2
  14. ओडिशा : 28.4
  15. मध्य प्रदेश : 28.8
  16. उत्तराखंड : 28.8

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