Digital India Mission: सिर्फ दो सप्ताह के लिए डिजिटल हुआ बोकारो जिले का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त यह गांव
झारखंड के बोकारो जिले का पहला डिजिटल गांव कुर्रा के नाम पर प्रशासन ने खूब वाहवाही बटोरी। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी मिला। लेकिन अब...
बोकारो (बीके पाण्डेय) । बोकारो का पहला डिजिटल गांव कुर्रा के नाम पर प्रशासन ने खूब वाहवाही बटोरी। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी मिला। एक-दो सप्ताह तक ग्रामीणों को सुविधाएं भी मिलीं, फिर धीरे-धीरे स्थिति जस की तस हो गई। प्रशासनिक अनदेखी और अदूरदर्शिता के कारण यह मिशन फेल हो गया। बिजली संकट, देखरेख की कमी और जागरूकता का अभाव इसकी वजहें बनीं। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत 2017 में बोकारो के कुर्रा को डिजिटल गांव का दर्जा दिया गया था।
तब बताया गया था कि गांव वाईफाई सुविधा से लैस हो चुका है। अब कॉमन सर्विस सेंटर के तहत तमाम काम ऑनलाइन होंगे। विद्यार्थी, व्यवसायी, किसान, नौकरीपेशा, मजदूर, सरकारी योजनाओं के लाभुक सभी इससे लाभान्वित होंगे। इसी गांव के नाम पर अधिकारियों ने दिल्ली में अवार्ड भी लिया। इससे इतर विभागीय उदासीनता के कारण सोलर प्लेट बर्बाद हो गए, अधिकतर टावर गिर गए और अन्य उपकरण खराब होने के कगार पर हैैं।
बताते चलें कि डिजिटल गांव कुर्रा के बाद पहले चरण में 100 पंचायतों को भी नेशनल ऑप्टिकल फाइबर मिशन से जोड़ा गया। बाद के चरणों में कुल 244 पंचायतें इससे जुड़ गईं, लेकिन इसे संचालित करने वाली एजेंसी सीएससी एसपीवी ने इसे अपग्रेड नहीं किया। लिहाजा स्थिति बदहाल होती चली गई। दूसरी कंपनी प्रदत्त वाईफाई की दर जहां जियो के वाइफाई से अधिक है, वहीं नेटवर्क की सुविधा सिर्फ एक किलोमीटर की परिधि तक ही सीमित है। इस कारण भी ग्रामीणों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि प्रोजेक्ट के प्रबंधक इससे इन्कार करते हैैं।
क्या कहते हैैं कुर्रा के मुखिया
मुखिया युधिष्ठिर महतो ने कहा कि डिजिटल गांव के तौर पर चयन कर कुर्रा को वाईफाई सुविधा दी जाएगी, यह सुनने में अजीब लगा था। कुछ दिनों बाद अधिकारियों ने जब वाईफाई और इससे मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया तो काफी खुशी हुई। तब एक ही छत के नीचे बैंक से जुड़े कार्य, पेंशन भुगतान, दाखिल खारिज, शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधित सारी सुविधाएं प्राप्त होने का आश्वासन दिया गया था। आज किसी गांव में वाईफाई की सुविधा नहीं है।
जहां से भी खराबी की सूचना मिलती है, उसे ठीक करवाया जाता है। सभी पंचायतों में केबल बिछाकर इंटरनेट मुहैया कराया जाएगा। इससे सर्विस बेहतर होगी। - धीरज महतो, सहायक प्रबंधक , सीएससी-एसपीवी एनओएफएम प्रोजेक्ट