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मंत्री सरयू राय के रुख पर राजनीतिज्ञों की अलग-अलग 'राय'

सरकार के वरिष्ठ मंत्री सरयू राय के बयान से उठे सियासी उफान से भाजपा में ऊहापोह की स्थिति बनी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 06:36 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 06:36 AM (IST)
मंत्री सरयू राय के रुख पर राजनीतिज्ञों की अलग-अलग 'राय'
मंत्री सरयू राय के रुख पर राजनीतिज्ञों की अलग-अलग 'राय'

राज्य ब्यूरो, रांची । सरकार के वरिष्ठ मंत्री सरयू राय के बयान से उठे सियासी उफान से भाजपा के ज्यादातर मंत्रियों और विधायकों ने पल्ला झाड़ा है। मंत्री के बयान पर मंत्रियों और विधायकों की राय भी जुदा-जुदा है। हालांकि भाजपा विधायक निर्भय शाहबादी ने खुलकर अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार को कठघरे में खड़ा करने से पहले सरयू राय को इस्तीफा दे देना चाहिए था।

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झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव का रुख भी कुछ ऐसा ही देखा गया। बता दें कि मंत्री सरयू राय ने बुधवार को कहा था कि इस सरकार में रहकर शर्मिदगी होती है।

निर्भय शाहाबादी ने कहा कि सरयू राय सरकार में इतने दिनों तक रहे। उन्हें सरकार को कठघरे में खड़ा करने से पहले इस्तीफा दे देना चाहिए था। सरकार से लाभ भी लेंगे और इस तरह की बात भी कहेंगे।

हालांकि बात को संभालते हुए उन्होंने यह भी कहा कि मुझे विश्वास नहीं होता कि वे इस तरह की बात कह सकते हैं। वहीं, मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि यह बयान उन्होंने किसे दिया, कहां दिया। न मैंने पढ़ा, न सुना। फिर भी कुछ कहा है तो यह उनका विचार है, सबको अपना विचार रखने का हक है।

मंत्री रणधीर सिंह ने सरयू राय को सुलझा हुआ मंत्री बताया। कहा, किन परिस्थितियों में मीडिया में यह बात आई यह समझ से परे है। हो सकता है भावना में आकर कुछ बोल गए हों। वे चार साल से सरकार में हैं, अच्छा काम कर रहे हैं। कुछ व्यथा होगी। विश्वास जताया कि वे सरकार में हैं और आगे भी रहेंगे।

मंत्रियों के विभाग में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर कहा कि मुख्यमंत्री को सभी विभागों में हस्तक्षेप का अधिकार है। विधायक ताला मरांडी ने कहा कि उनके मन में क्या चल रहा है यह अलग विषय है लेकिन मेरा मानना है कि सरकार में रहकर राज्य की सेवा अधिक की जा सकती है, पद छोड़कर नहीं।

हालांकि उन्होंने इतना अवश्य कहा कि राय के स्टैंड को नकारा नहीं जा सकता। कहीं कुछ कमी है तो सरकार को देखना चाहिए। विधायक अनंत ओझा जो भाजपा के प्रदेश महामंत्री भी हैं ने कहा कि सरयू राय पार्टी के वरिष्ठ मंत्री हैं। उचित स्थान पर अपनी बात रखेंगे। पार्टी नेतृत्व उनकी भावनाओं को समझेगा। विधायक केदार हाजरा और अमित मंडल ने कहा कि यह राय से जुड़ा खुद का मामला है। रामकुमार पाहन ने कहा कि इस मामले को पार्टी के वरिष्ठ लोग देखेंगे।

सरकार बेपर्दा हो गई लेकिन राय की नीयत में खोट :

झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने सरयू राय के बयान पर अपनी बेबाक राय दी है। उन्होंने कहा कि राय के बयान से सरकार बेपर्दा हो गई है। यह सरकार निकम्मी है, अक्षम है और भ्रष्टाचार में डूबी है। लेकिन सरयू राय भी बार-बार अपना चेहरा बचाने का प्रयास कर रहे हैं। नाराजगी है तो इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे। एक कदम आगे बढ़कर दो कदम पीछे हट जाना उनकी नीयत में खोट को दर्शाता है।

विपक्ष ने किया प्रदर्शन

सरयू राय के बयान को आधार बना झामुमो और कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने राय से इस्तीफे की भी मांग करते हुए सरकार को घेरा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने इस मामले को उठाया। हालांकि स्पीकर के हस्तक्षेप से मामला तूल नहीं पकड़ सका।


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