Jharkhand Police: कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए लखनऊ रवाना होंगे डीजीपी, देश की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा पर बनेगा प्लान
Jharkhand Police लखनऊ में 19 नवंबर से 21 नवंबर तक होने वाले तीन दिवसीय डीजीपी कांफ्रेंस में देश की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा पर बड़ा प्लान बनने वाला है। डीजीपी कांफ्रेंस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए डीजीपी नीरज सिन्हा लखनऊ रवाना होंगे ।
रांची, राब्यू । लखनऊ में 19 नवंबर से 21 नवंबर तक होने वाले तीन दिवसीय डीजीपी कांफ्रेंस में देश की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा पर बड़ा प्लान बनने वाला है। डीजीपी कांफ्रेंस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। इस बैठक में प्रधानमंत्री के निर्देशन में विदेशी घुसपैठ को रोकने से लेकर एनजीओ को एफसीआरए के तहत मिलने वाले विदेशी फंड के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी ठोस प्लान बनेगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए डीजीपी नीरज सिन्हा गुरुवार को लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे।
इस बैठक में साइबर आतंकवाद, एनजीओ को एफसीआरए के तहत मिलने वाले विदेशी फंड के दुरुपयोग, कश्मीर में होने वाली हिंसा को रोकने, राज्यों की सीमा से हो रही मानव, पशु, नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने, देश में होने वाली नक्सल गतिविधियाें को रोकने, जाली नोट की तस्करी पर नकेल, पूर्वोत्तर राज्यों में आए दिन होने वाली हिंसा को रोकन तथा चीन व बांग्लादेश की सीमा पर तैनात सुरक्षा की व्यवस्था आदि पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस बैठक में सभी डीजीपी आपसी समन्वय पर भी विचार-विमर्श करेंगे, ताकि मिल-जुलकर देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बना सकें।
सिपाहियों के लिए सशर्त जारी एसीपी-एमएसीपी का लाभ देने संबंधित निर्णय का विरोध
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन ने वित्त विभाग से सिपाहियों के लिए सशर्त जारी एसीपी-एमएसीपी का लाभ देने संबंधित निर्णय का विरोध किया है। झारखंड उच्च न्यायालय में एसीपी एवं एमएसीपी के संबंध में फैसला आने के बाद जो निर्णय वित्त विभाग से स्वीकृति हुआ है उसमें जवानों को एसीपी और एमएसीपी का लाभ प्रशिक्षण पास करने के बाद दिया जाएगा। यह उनके योगदान से दस, बीस व 30 वर्ष के एरियर के साथ निकाला जा सकेगा।
यहां तक तो ठीक था, लेकिन इसमें शर्त है कि जवानों को पहले ही प्रयास में प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर ही इसका लाभ मिलेगा। एसोसिएशन को भय है कि पहले प्रयास में सफलता नहीं मिलने पर जवानों को आगे भी प्रशिक्षण पास करने का विकल्प दिया जाना चाहिए। ऐसे में प्रशिक्षण संस्थान फेल करने की धमकी देकर जवानों का भयादोहन करेंगे। इसमें संशोधन नहीं होने की स्थिति में जवान न्यायालय की शरण लेंगे।