कार्तिक पूर्णिमा पर आज स्वर्णरेखा नदी में डुबकी लगाएंगे श्रद्धालु
कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को सुबह से ही स्वर्णरेखा नदी तट पर श्रद्धाृलु जुटेंगे। वहीं मिथिलावासी समा चकेवा मनाएंगे।
जागरण संवाददाता, रांची : कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को सुबह से ही स्वर्णरेखा नदी तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ होगी। आस्था की डुबकी लगा भगवान नारायण व सूर्य देव को अर्घ्य सौंप मंगलमय जीवन की कामना करेंगे। स्नान के बाद गरीबों को दान-दक्षिणा दिया जाएगा। आज के दिन गर्म वस्त्र, कंबल आदि बांटने का रिवाज है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान-दक्षिणा देने से धन का कभी नाश नहीं होता है।
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मिथिलावासी आज मनाएंगे सामा चकेबा पर्व
भाई-बहन के स्नेह का लोकपर्व मिथिला क्षेत्र में काफी लोकप्रिय है। छठ के दूसरे दिन से शुरू होने वाले इस पर्व का आज समापन होगा। सामा-पौराणिक मान्यताओं की माने तो सामा-चकेवा के उत्सव का संबंध सामा की दु:ख भरी कहानी से है। कहानी के अनुसार सामा कृष्ण की पुत्री थी। एक दिन एक दुष्ट चरित्र वाले व्यक्ति ने एक योजना के तहत उसने सामा पर गलत आरोप लगाया। उसने कृष्ण से यह बात कह दी। कृष्ण को अपनी पुत्री सामा के प्रति बहुत ही गुस्सा आया। क्रोध में आकर कृष्ण ने सामा को पक्षी बन जाने का श्राप दे दिया। जब सामा के भाई चकेवा को इस प्रकरण की पूरी जानकारी हुई तो उसे अपनी बहन सामा के प्रति सहानुभूति हुई। अपनी बहन को पक्षी से मनुष्य रूप में लाने के लिए चकेवा ने तपस्या करके सामा को पक्षी रूप से पुन: मनुष्य के रूप में ले आया। अपने भाई की स्नेह और त्याग देख कर सामा द्रवित हो गई। वह अपने भाई की कलाई में एक मजबूत धागा बाध दी। उसी के याद में आज बहनें अपनी भाइयों के लिए यह पर्व मनाती आ रही है।
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मदन मोहन मंदिर में सामूहिक पूजन में जुटेंगे ग्रामीण
कार्तिक पूर्णिमा पर बोड़ेया स्थित मदन मोहन मंदिर में सत्यनारायण भगवान की पूजा होगी। कथा का सामूहिक श्रवण होगा। प्रसाद बांटे जाएंगे। आयोजन में बोड़ेया एवं आसपास के ग्रामीणों की काफी भीड़ होगी। श्रद्धालु व्यक्तिगत स्तर पर भी पूजा करा सकते हैं। सुबह सात बजे से सुलभ होगा बालाजी का दर्शन
पूर्णिमा पर रातू रोड स्थित बालाजी मंदिर में विशेष अनुष्ठान होगा। प्रथम पूजन के उपरांत सुबह सात बजे से नारायण रूप भगवान वेंकटेश का दर्शन सुलभ होगा। वेंकटेश का दर्शन कर श्रीविष्णुसहस्त्रनामार्चना करेंगे। मंदिर के व्यवस्थापक रंजन सिंह के अनुसार आज के दिन तुलसी दल, कुंकुम से बालाजी का अर्चना विशेष फलदायी होता है।