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बेटी की कामना का पर्व है छठ, हर ओर बहती है समभाव की गंगा

सेहत और नेमत की मंगलकामना के इस महापर्व में महिलाएं अपने आराध्‍य देव सूर्य भगवान से बेटियों की मांग करती हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 04:47 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 04:47 PM (IST)
बेटी की कामना का पर्व है छठ, हर ओर बहती है समभाव की गंगा
बेटी की कामना का पर्व है छठ, हर ओर बहती है समभाव की गंगा

रांची, प्रवीण प्रियदर्शी। लोक आस्था के महापर्व छठ की महिमा अपरंपार है। इसे आरोग्य के साथ ही सुख-समृद्धि व समानता का पर्व माना जाता है। वैदिक-पौराणिक मान्यता के साथ ही लोकाचार व जन मान्यता के सामंजन ने इस पर्व को अनूठा स्वरूप प्रदान किया है। पुरोहित वर्ग व खास कर्मकांड का दखल नहीं होने से पर्व सफलता पूर्वक समता का भाव संचारित करता है।

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कोई भी, कहीं भी बिना किसी भेद-भाव के इस व्रत को कर सकता है, अघ्र्य अर्पित कर सकता है। यह भारतीय पर्व परंपरा में किसी क्रांति से कम नहीं। रूढ़ी, कर्मकांड व पुरोहितों के विशेष महत्व के इर्द-गिर्द बुने हमारे पर्व-त्योहारों के बीच छठ की 'यह छटा और संदेश ऐसी निराली है कि इसके लोकाचारी स्वरूप ने इसे पर्व से ज्यादा जनसाधारण का उत्सव बना दिया।

यह भारतीय पर्व परंपरा के प्रवाह में विभाजक रेखा से कम नहीं।  इस पर्व की एक और बड़ी खासियत है, वह है स्त्री और कन्या की महिमा। भारतीय पर्व परंपरा में शायद यह इकलौता पर्व है जिसमें सूर्य देव से पुत्री की कामना की गई है। पर्व के दौरान मंत्रोच्चार तो होते नहीं सो लोक गीतों में इसकी भावना अभिव्यक्त होती है। सूर्य देव से पुत्री की कामना करते हुए व्रतियों द्वारा गाया जाने वाला यह गीत 'रूनकी-झूनकी बेटी मांगी ला... कई अनकही बातें कह जाता है।

भारतीय पर्व परंपरा में किसी भी पुरूष प्रधान समाज की तरह प्राय: पुत्र की प्राप्ति, पुरुषों के दीर्घायु व बलवान होने की कामना करते हुए महिलाओं के अनेकों पर्व हैं। लेकिन छठ ऐसा लोक पर्व है जिसमें न सिर्फ सूर्य देव से बेटी की मांगी जाती है, इसे स्त्री-पुरुष दोनों समान रूप से करते हैं और पर्व की भावना पर व्यक्तिवादी-जातिवादी अहम गौण हो जाता है। पर्व की एक और भौतिकवादी विशेषता है, वह है स्वास्थ्य और समृद्धि। स्वास्थ ही धन व समृद्धि का द्योतक माना जाता है। आज भी कहते हैं हेल्थ इज वेल्थ। इस दृष्टि से यह समता और सुख-समृद्धि के महापर्व का प्रतिनिधि बनता है।


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