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Jharkhand Cabinet: मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा, गृह और कार्मिक मुख्यमंत्री के पास

आलमगीर आलम को ग्रामीण विकास तो रामेश्वर उरांव को वित्त के साथ-साथ खाद्य सार्वजनिक वितरण विभाग मिला। राजद के सत्‍यानंद भोक्‍ता को श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग दिया गया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 07:46 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 09:26 PM (IST)
Jharkhand Cabinet: मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा, गृह और कार्मिक मुख्यमंत्री के पास
Jharkhand Cabinet: मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा, गृह और कार्मिक मुख्यमंत्री के पास

रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंत्रिमंडल विस्तार के अगले दिन बुधवार को सभी सहयोगी मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया है। सीएम के अलावा झामुमो के शेष पांच मंत्रियों के बीच आठ विभाग बंटे हैं, वहीं कांग्रेस के चार मंत्रियों को भी आठ विभाग दिए गए हैं। गृह, कार्मिक, नगर विकास, मंत्रिमंडल सचिवालय समेत सभी महत्वपूर्ण विभाग जो दूसरे मंत्रियों के बीच नहीं बंटे हैं वह मुख्यमंत्री के पास रहेंगे।

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इस प्रकार मुख्यमंत्री के पास एक दर्जन से अधिक विभाग हैं। विभागों के बंटवारे के बाद मंत्री सचिवालय भी पहुंचे लेकिन किसी ने विभाग का प्रभार नहीं लिया। जगरनाथ महतो, मिथिलेश कुमार ठाकुर आदि कई नेता मुख्यमंत्री से मिलकर क्षेत्र के लिए निकल गए। सभी मंत्री गुरुवार को अवकाश के बाद किसी भी दिन प्रभार लेकर अपना काम शुरू कर देंगे।

राज्यपाल का आदेश लीक होने पर सक्रिय हुआ सीएमओ

मंत्रिमंडल बंटवारे को लेकर सीएम के आग्रह पर राज्यपाल के स्तर से आदेश का पत्र बुधवार दोपहर वायरल हो गया। नियमानुसार मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग की अधिसूचना के बाद ही इसे सही माना जाता है। पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री सचिवालय सक्रिय हुआ और एक संदेश जारी हुआ कि मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच विभाग के आवंटन संबंधी अधिसूचना की प्रतीक्षा करें। शाम तक इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी गई। अधिसूचना में राजभवन के पत्र से इतर आंशिक संशोधन था।

किसके पास कौन सा विभाग

1. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन : कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग, गृह (कारा सहित), नगर विकास, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के अलावा वैसे सारे विभाग जो दूसरे मंत्रियों को आवंटित नहीं हैं।

2. आलमगीर आलम : संसदीय कार्य विभाग और ग्रामीण विकास विभाग।

3. रामेश्वर उरांव : योजना सह वित्त विभाग, वाणिज्यकर विभाग और खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग।

4. सत्यानंद भोक्ता : श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग।

5. चंपई सोरेन : अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के साथ-साथ परिवहन विभाग।

6. हाजी हुसैन अंसारी : अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग।

7. जगरनाथ महतो : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के साथ-साथ उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग।

8. जोबा मांझी : महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग।

9. बन्ना गुप्ता : स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के साथ-साथ आपदा प्रबंधन विभाग।

10. बादल पत्रलेख : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग।

11. मिथिलेश कुमार ठाकुर : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग।

जो चाहता था वह नहीं मिला, स्कूलों के मर्जर का हमेशा विरोध किया : जगरनाथ

विभागों के बंटवारे के बाद स्कूली शिक्षा और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो मंत्रिमंडल सचिवालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे। उन्होंने मंत्रालय देने के लिए आभार जताया और क्षेत्र में लौट गए। सीएम से मिलने के बाद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि जो विभाग चाहता था, वह नहीं मिला लेकिन जो जिम्मा मिला है वह बड़ा है। सीएम को शुक्रिया अदा करने के बाद क्षेत्र जा रहा हूं। लौटकर आऊंगा तो प्रभार लूंगा। उन्होंने कहा कि झामुमो ने शुरू से ही स्कूलों के मर्जर का विरोध किया है और इस मसले पर निश्चित तौर पर हम अधिकारियों से बात कर उपाय निकालेंगे।

सीएम से मिलने के बाद गढ़वा गए मिथिलेश 

गढ़वा विधायक और हमंत कैबिनेट के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने भी बुधवार को अपने विभाग का प्रभार नहीं लिया। प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री से मिलने के बाद वह वहां से गढ़वा चले गए। उन्होंने कहा कि सीएम ने जो जिम्मेदारी दी है उसे पूरी तरह से निभाऊंगा और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूंगा।


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