डीईओ, डीएसई करेंगे हजारों शिक्षकों के वेतन की निकासी
रांची : योजना सह वित्त विभाग ने वर्ष 2013 में विभिन्न विभागों एवं अधीनस्थ कार्यालयों में निका
रांची : योजना सह वित्त विभाग ने वर्ष 2013 में विभिन्न विभागों एवं अधीनस्थ कार्यालयों में निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी (डीडीओ) की संख्या घटाने का निर्देश जारी किया था। इस आशय के बार-बार निर्देश के बाद विभागों-कार्यालयों में डीडीओ की संख्या काफी कम की गई। अब स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग डीडीओ की संख्या और कम करने के प्रयास में पूरे जिले के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी या जिला शिक्षा अधीक्षक को एकमात्र डीडीओ बनाने की तैयारी कर रहा है। इससे शिक्षकों व अन्य कर्मियों की वेतन की निकासी के लिए सेंट्रलाइज व्यवस्था लागू हो जाएगी। शिक्षकों ने इसका पुरजोर विरोध किया है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक अपने अधीनस्थ शिक्षकों से उपस्थिति लेकर वेतन की निकासी कर उनके बैंक खाते में हस्तांतरित करेंगे। अभी तक इसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक या प्रभारी शिक्षक संभालते रहे हैं। दरअसल, 21 मई को हुई विभागीय समीक्षा के क्रम में डीडीओ की संख्या कम करने के मामले में यह बात सामने आई कि बोकारो में हाई स्कूलों के लिए मात्र एक डीडीओ जिला शिक्षा पदाधिकारी हैं। विभाग के प्रधान सचिव ने माना कि यह व्यवस्था पूरे राज्य में लागू किए जाने की आवश्यकता है जिसके तहत माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों के लिए जिला स्तर पर एक-एक डीडीओ हों। यह भी कहा गया कि अगले वित्तीय वर्ष से सभी स्कूलों के लिए निदेशालय स्तर पर एक-एक डीडीओ की व्यवस्था किए जाने पर भी विचार किया जा सकता है।
प्रधान सचिव ने बैठक के दो दिनों बाद ही ऐसी संभावना पर विचार करने के लिए बोकारो के जिला शिक्षा पदाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी। इसमें नीति आयोग के तहत कार्य कर रहे बोस्टन कंसलटेंट ग्रुप (बीसीजी) के स्वायकत राय व देवांश सामंत को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। यह कमेटी बिहार में लागू व्यवस्था का भी अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर देगी।
शिक्षकों को भ्रष्टाचार की आशंका
शिक्षकों को आशंका है कि वेतन की निकासी की व्यवस्था जिला शिक्षा कार्यालय में किए जाने से भ्रष्टाचार बढ़ेगा। उन्हें वेतन के लिए उन कार्यालयों का चक्कर भी लगाना पड़ेगा। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बृजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर तथा प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा है कि पहले विभाग सुनिश्चित करे कि शिक्षकों को इन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। संघ का कहना है कि जिला शिक्षा कार्यालयों में शिक्षकों के कई कार्य लंबित रहते हैं, जिनके लिए उन्हें कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है। अब वेतन के लिए उन्हें चक्कर लगाना पड़ेगा। हजारों शिक्षकों के वेतन की निकासी सेंट्रलाइज होने से समय पर शिक्षकों को वेतन नहीं मिल सकेगा।