Weekly News Roundup Ranchi: बढ़ने लगे डेंगू के मरीज, बेदम हुआ स्वास्थ्य महकमा; जानें इस हफ्ते कैसा रहा सेहत का हाल
Weekly News Roundup Ranchi डेंगू का प्रकोप राज्यभर में तेजी से बढ़ता जा रहा है। रिम्स में लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अब तक 40 मरीजों को रिम्स भर्ती किया जा चुका है।
रांची, [शक्ति सिंह]। इस पूरे सप्ताह रिम्स चर्चाओं में रहा। चाहे मरीज के इलाज की बात हो या फिर रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था पर एइआरबी (एटोमिक इनर्जी रेगूलेरेट्री बोर्ड) का चोट हो। दोनों स्तर पर ही खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा। रिम्स का ओंकोलॉजी विभाग की व्यवस्था पर एइआरबी ने कई सवालिया निशान उठाया है। वहीं, आयुष्मान योजना के लाभुकों को अब भी कीमो के इंतजार में मौत और जिंदगी के बीच जूझना पड़ रहा है।
कैंसर के रोगियों को गुणवत्ता रेडिएशन के लिए खराब सीटी स्कैन के कारण रेडियोथेरेपी नहीं हो रहा है। आइसोलेशन वार्ड में डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने से फर्श पर मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ कुछ अच्छी खबरें भी रिम्स को सुनने को मिली है। लंबे इंतजार के बाद कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग में हर्ट लंग की सुविधा उपलब्ध करा दी गई। इससे कार्डियोथोरेसिक सर्जरी की सेवा शुरू हो सकेगी।
एइआरबी का रिम्स के रेडिएशन पर चोट
रिम्स प्रबंधन और कैंसर जांच उपकरण करने वाली कंपनी की लापरवाही के कारण रांची में बेहतर तकनीक के साथ कैंसर जांच का काम नहीं हो पा रहा है। यह सिर्फ लापरवाही का मामला है या कोई और मामला है। अब जांच के बाद ही कुछ पता चल सकेगा। बहरहाल एटोमिक रिसर्च रेगूलेटरी बोर्ड (एइआरबी) ने रिम्स के द्वारा आवेदन किए गए लाइसेंस को होल्ड पर रख दिया है। रेडियोथेरेपी विभाग में वी-मैट प्रोग्रामर (रेडिएशन उपकरण) से जुड़ी कमियां और कैथलैब में लेड फलैब्स की व्यवस्था पर एइआरबी ने अपनी आपत्ति जताई है। इन कमियों को दूर करने के बाद ही नई लीनियर एक्सलेटर मशीन के संचालन की अनुमति दी जाएगी। यानि करोड़ो रुपये की कैंसर रेडिएशन उपकरण के संचालन का मामला पूरी तरह खटाई में चला जाएगा।
सीटी स्कैन खराब होने के कारण प्लानिंग के अभाव में नहीं हो रहा रेडियोथेरेपी का काम
रिम्स प्रबंधन की लापरवाही के कारण डेढ़ दर्जन कैंसर के मरीजों को रेडिएशन नहीं मिल रहा है। ओंकोलॉजी विभाग (कैंसर विभाग)का सीटी स्कैन खराब होने से ये परेशानी हो रही है। पिछले डेढ़ माह से सीटी स्कैन काम नहीं कर रहा है। जिस कारण मरीज रिम्स में आकर वापस लौट जा रहे हैं। इसके बावजूद खराब सीटी स्कैन को दुरुस्त नहीं कराया जा रहा है। जबकि सिर्फ रिम्स में ही लीनियर एक्सलेरेटर की व्यवस्था है। वहीं निजी अस्पतालों में इसकी सेवा लेने के लिए मोटी राशि खर्च करनी पड़ती है। जबकि रिम्स में लीनियर एक्सलेरेटर यानि रेडिएशन के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है। ऐसे में मशीन खराब होने से गरीब मरीजों को परेशानी हो रही है।
एक साल के बाद भी मरीजों को भटकना पड़ता है कीमो के लिए
एक साल आयुष्मान योजना के लागू होने के बाद भी रिम्स में कीमो के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ता है। रिम्स की लापरवाही के कारण समय पर कीमो मरीजों को नहीं मिल पाता है। पहले चरण का कीमो की खरीदारी दूसरे चरण में कीमो के चढ़ाने के वक्त दिया जाता है। सिंगल-सिंगल कीमो की खरीदारी के कारण मरीज परेशान हैं। हालांकि, रिम्स का प्रबंधन का दावा है कि अब बल्क में कीमो की खरीदारी होगी, जिससे मरीजों को जल्द ही इसकी सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।
रिम्स को मिला है हर्ट लंग मशीन की सुविधा
रिम्स के काडियोथोरेसिक सर्जरी विभाग को लंबे अरसे के हार्ट लंग मशीन की सुविधा उपलब्ध करा दी गई। अब विभाग में ही मरीजों की कार्डियोथोरेसिक सर्जरी नियमित हो सकेगी। अब तक एक या दो मरीजों की ही सर्जरी तीन सप्ताह में हो पाती थी। पर अब ऐसा नहीं होगा। जल्द ही उपकरण को इंस्टॉल कर दिया जाएगा।
डेंगू का प्रकोप बढ़ा, रिम्स में बढ़े मरीज
डेंगू का प्रकोप राज्यभर में तेजी से बढ़ता जा रहा है। रिम्स में लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अब तक 40 मरीजों को रिम्स भर्ती किया जा चुका है। सभी का इलाज आइसोलेशन वार्ड में चल रहा है। रिम्स के
आइसोलेशन वार्ड में पिछले एक महीने में 100 से अधिक डेंगू पीडि़त मरीज भर्ती कराए जा चुके हैं। अचानक मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण उनका इलाज फर्श पर किया जा रहा है। ऐसे मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।