Jharkhand News: मुख्यमंत्री से मांग, अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ानेवाले सरकारी शिक्षकों को करें बर्खास्त
Jharkhand Government Teachers CM Hemant Soren प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने मांग की है कि शिक्षक जिस स्कूल में पदस्थापित हों उनके बच्चे उसी स्कूल में पढ़ें। ऐसे शिक्षकों की पाेल खोलने के लिए उड़न दस्ता तैयार किया गया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि सरकारी शिक्षकों के लिए अपने बच्चे को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना अनिवार्य किया जाए और उनकी सेवा शर्तों में भी यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि शिक्षक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में ही पढ़ाएंगे। पासवा ने मांग की है कि शिक्षक जिस स्कूल में पदस्थापित हों, उनके बच्चे उसी स्कूल में पढ़ें अन्यथा उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि पासवा की ओर से जिलाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों के माध्यम से अभिभावकों को जोड़ कर उड़न दस्ता तैयार किया गया है। यह दस्ता शिक्षकों की पोल खोलने का काम करेगा।
मंत्री के बयान के विरोध में माध्यमिक शिक्षकों ने लगाया काला बिल्ला
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माहौल नहीं होने से संबंधित दिए गए बयान के विरोध में माध्यमिक शिक्षकों ने सोमवार को काला बिल्ला लगाकर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया। झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से शिक्षकों ने मंत्री से बयान वापस लेने की मांग की।
इधर, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी मंत्री के बयान के विरोध में मंगलवार को काला बिल्ला लगाकर काम करने का निर्णय लिया है। इसमें राज्य भर के प्राथमिक शिक्षक शामिल होंगे। बता दें कि मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माहौल नहीं है। शिक्षक भी निश्चिंत रहते हैं कि काम करें या न करें। शिक्षक इस बयान की निंदा कर रहे हैं।
शिक्षकों को अपमानित कर रही सरकार : दीपक प्रकाश
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव के बयान को राज्य की शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षकों का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। परंतु यह सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भागना चाहती है। शिक्षकों पर दोषारोपण करके राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने का प्रयास कर रही है। दीपक प्रकाश ने यह भी कहा कि राज्य सरकार अंतर्विरोध से घिरी है। शिक्षा विभाग झामुमो के कोटे में है, इसीलिए झामुमो को वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव के बयान पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
दीपक प्रकाश ने कहा कि शिक्षा राज्य सूची का विषय है। सरकार जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रही। इनकी चुनाव पूर्व घोषणाएं ठंडे बस्ते में चली गई हैं। राज्य के प्राइवेट स्कूल आम आदमी, गरीब, मजदूर, किसान के बच्चों के लिए सुलभ नहीं है। एक तरफ वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव सरकारी स्कूलों की शिक्षा को कोस रहे, वहीं मदरसा के अनुदान के लिए नियमों को संशोधित करने की बात कर रहे हैं।