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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले, अपनी ताकत पहचानें और भारत को सुपरपावर बनाएं

IIM Ranchi Initiation Ceremony रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आइआइएम रांची के दीक्षा समारोह को ऑनलाइन संबोधित किया। कहा कि युवा भारत के स्वर्णिम अतीत से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें। प्रबंधन को और भी मजबूत व जमीनी बनाने की जरूरत है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 01:22 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 08:01 PM (IST)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले, अपनी ताकत पहचानें और भारत को सुपरपावर बनाएं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कार्यक्रम को ऑनलाइन संबाेधित करते हुए। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो। भारत में सुपरपावर बनने की तमाम क्षमताएं मौजूद हैं। इसके लिए हमें शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और विज्ञान के क्षेत्र में लगातार उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करनी होंगी। इन क्षेत्रों में जितनी क्षमता हमारे देश के अंदर है, उसका अभी पूरा उपयोग नहीं हुआ है। यह बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को आइआइएम रांची के दीक्षा समारोह में छात्रों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कही।

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उन्होंने प्रबंधन की भी अहम भूमिका बताते हुए कहा कि हमें अपने प्रबंधन को और भी मजबूत व जमीनी बनाना होगा। इसके लिए हमें प्रबंधन में अनुसंधान को भी बढ़ावा देने की जरूरत है। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा और शोध के क्षेत्र में हमारा इतिहास स्वर्णिम रहा है। गणित, चिकित्सा, विज्ञान, खगोल शास्त्र आदि में भारत ने पूरे विश्व को राह दिखाई है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वह भारत के स्वर्णिम अतीत से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हुए आगे बढ़ें।

भारत ने प्रबंधन और सोच के बूते चुनौती को अवसर में बदला

रक्षा मंत्री ने कहा कि समय के साथ प्रबंधन की अहमियत बढ़ती जा रही है। पूरी मानवता को इसकी जरूरत है। हाल के दिनों में कोरोना के संकट ने सभी स्तरों पर प्रबंधन की परीक्षा ली। ऐसे में भारत का प्रदर्शन संकट के समय में भी सीख देने वाला रहा। भारत में सीमित संसाधन होने के बावजूद अन्य देशों के मुकाबले काफी कम नुकसान हुआ। हमने चुनौती को अवसर में बदला और पीपीई किट, दवा आदि निर्यात करने में सफल रहे।

असफलता की गलियों से निकलता है सफलता का रास्ता

रक्षा मंत्री ने युवाओं को असफलता से नहीं घबराने की सीख देते हुए कहा कि सफलता का रास्ता असफलता की गलियों से निकलता है। कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं जो असफल न हुआ हो। रामानुजम जैसे महान गणितज्ञ भी बोर्ड में दो बार असफल हुए थे। सफलता अंतिम नहीं होती। उन्होंने एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स का उदाहरण देते हुए कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास रहने के लिए कमरा नहीं था और इसलिए दोस्तों के घर पर फर्श पर सोता था, वह व्यक्ति दुनिया की सबसे सफल मोबाइल और कंप्यूटर कंपनी का संस्थापक बन गया।

तकनीकी के विकास में करें अपनी कल्पना शक्ति का उपयोग

रक्षा मंत्री ने छात्र-छात्राओं से मानव कल्याण और तकनीक के विकास में कल्पना शक्ति का बेहतर उपयोग करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में तकनीक ही एक-दूसरे को जुड़े रहने में मदद कर रही है। उन्होंने प्रबंधन के छात्रों से आह्वान किया राष्ट्र से उन्हें जो मिला है, उसे राष्ट्र को लौटाने के लिए भी उसी ऊर्जा के साथ आगे आना चाहिए।

माता-पिता से बड़ा कोई मैनेजर नहीं

राजनाथ सिंह ने युवाओं को अपने माता-पिता को कभी नहीं भूलने की सीख दी। उन्होंने कहा कि माता-पिता से बड़ा कोई मैनेजर नहीं होता। वे सर्वश्रेष्ठ प्रबंधक होते हैं जो बिना किसी डिग्री के अपने परिवार का बेहतर प्रबंधन करते हैं। 

भौतिक के साथ-साथ आध्यात्मिक रूप से भी हों समृद्ध्

राजनाथ सिंह ने युवाओं को भौतिक के साथ-साथ आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध होने की शिक्षा दी। कहा, हमारा जीवन भी संतुलित रहे, यह कोशिश होनी चाहिए। जैसा हमारा विश्वास होगा, वैसे हम बनेंगे। युवा ज्ञान, धन, संंपदा के साथ-साथ चरित्र निर्माण पर भी ध्यान दें।


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