डॉक्टर की लापरवाही ने ली किशोर की जान, गार्ड ने लगाया महिला को इंजेक्शन
पीएमसीएच में डॉक्टर की लापरवाही ने एक किशोर की जान ले ली। जबकि रिम्स में गार्ड ने एक महिला को इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
रांची/धनबाद, जेएनएन। झारखंड में सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है। यहां के अस्पतालों में लापरवाही की दो घटनाएं सामने आई हैं। पहली घटना धनबाद के पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल (पीएमसीएच) की है। यहां डॉक्टर की लापरवाही ने एक किशोर की जान ले ली। जबकि दूसरी घटना प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) की है। यहां गार्ड ने एक महिला को इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, धनबाद के पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल (पीएमसीएच) में सोमवार को डॉक्टर की लापरवाही ने एक किशोर की जान ले ली। गिरिडीह डुमरी के रहने वाले 15 साल के आनंद कुमार के पेट में दर्द था। अपने परिजन को बताया कि उसे तेज दर्द हो रहा है और गला भी सूख रहा है। आनन-फानन में परिजन अपने किशोर को लेकर पीएमसीएच पहुंचे। चिकित्सक ने यहां किशोर की स्थिति देखी और कहा कि लगता है सांप ने काट लिया है।
परिजनों ने कहा कि सांप ने नहीं काटा है, लेकिन चिकित्सक मानने को तैयार नहीं हुए और कहा बाहर जाकर सांप काटने का इंजेक्शन लेकर आइए। इंजेक्शन लगाने के पांच मिनट बाद ही किशोर की मौत हो गई। आनंद कुमार डुमरी के जेएन हाई स्कूल का छात्र है। पिता गोवर्धन साव ने बताया कि उनके बेटे को सिर्फ पेट दर्द था, लेकिन डॉक्टर ने सांप काटने का इंजेक्शन दे दिया। मेरे बेटे की मौत के लिए डॉक्टर ही जिम्मेवार हैं।
रिम्स में महिला को सुरक्षा गार्ड ने लगा दिया इंजेक्शन, मौत
राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में रविवार को एक सुरक्षा गार्ड ने वहां इलाजरत एक 70 वर्षीय महिला को इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन देने के कुछ ही घंटे बाद महिला की मौत हो गई। 70 वर्षीया मरीज कमला देवी का इलाज रिम्स के मेडिसीन विभाग में डॉ. उमेश प्रसाद की देखरेख में चल रहा था। मरीज को पांच दिन पूर्व तेज बुखार के कारण भर्ती कराया गया था। घटना के बाद रिम्स प्रबंधन के निर्देश पर दोषी गार्ड को ड्यूटी से हटा दिया गया है।
वहीं, प्रबंधन ने नर्स से भी शोकॉज किया है। महिला की मौत के बाद परिजनों ने रिम्स में जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप था कि मरीज को नर्स इंजेक्शन नहीं दे रही थी, बल्कि गार्ड ही इंजेक्शन और दवा देता था। अस्पताल की लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो गई। देर रात गार्ड ने महिला को इंजेक्शन दिया था और सुबह मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी। बाद में उसकी मौत हो गई। मरीज रातू क्षेत्र की रहने वाली थी।
परिजनों ने की सुरक्षा गार्ड की पिटाई
घटना के बाद रिम्स में सुरक्षा गार्ड प्रवीण कुमार ओझा की महिला के परिजनों ने पिटाई कर दी। सैप और पुलिस के बीच-बचाव से सुरक्षा गार्ड को बचाया गया। इस बीच गार्ड वार्ड से फरार हो गया।
शव को वार्ड से ले जाने से परिजनों ने किया इनकार
परिजन पुलिस से सुरक्षा गार्ड को वार्ड में दोबारा बुलाने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि जब तक दोषी गार्ड को वार्ड में नहीं लाया जाएगा, वह शव को नहीं ले जाएंगे। इस दौरान उनकी पुलिस से भी नोक-झोंक हुई। हालांकि, पुलिस परिजनों को समझाने का प्रयास करती रही, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे। रिम्स में हंगामा चलता रहा। अंतत: डेढ़ घंटे बाद परिजन शव को अपने साथ ले गए।
'घटना की जानकारी मिलते ही मैं खुद रिम्स गया था। यह गलत है। फिलहाल सुरक्षा गार्ड को हटा दिया गया है और नर्स को शोकॉज भी किया गया है। मामले में नर्स से पूछताछ भी होगी। इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।'
-डॉ, विवेक कश्यप, अधीक्षक, रिम्स।