झारखंड में मानसून ने दी दस्तक, वज्रपात से छह लोगों की मौत; कई घायल
आखिरकार लंबे इंतजार के बाद झारखंड में मानसून ने दस्तक दे दी है। वज्रपात से रांची, पलामू, गढ़वा, लोहरदगा व गुमला में छह लोगों की मौत हो गई।
जागरण न्यूज नेटवर्क, रांची। झारखंड में मानसून के सक्रिय होने के साथ ही वज्रपात ने कहर बरपाया। सोमवार को वज्रपात से रांची, पलामू, गढ़वा, लोहरदगा व गुमला में दो बच्चों समेत छह लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग व पशु घायल हो गए। पलामू जिले के डंडारकला गांव में सोमवार की शाम वज्रपात की चपेट में आने से दो बच्चों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। वहीं, गढ़वा के पिंडरिया गांव में वज्रपात में एक युवक की मौत हो गई। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में कोलकाता समेत राज्य के विभिन्न जिलों में मूसलाधार बारिश के साथ वज्रपात से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से जख्मी हो गया।
झारखंड में मानसून ने दी दस्तक
आखिरकार लंबे इंतजार के बाद झारखंड में मानसून ने दस्तक दे दी है। मौसम विभाग रांची शाखा के निदेशक बीके मंडल ने बताया कि साहिबगंज, दुमका, गोड्डा, धनबाद व पूर्वी सिंहभूम में मानसून पहुंचने के साथ ही सक्रिय है। दो से तीन दिनों में पूरे प्रदेश में इसकी सक्रियता बढ़ेगी। सोमवार को रांची व आसपास के इलाके में भी जोरदार बारिश हुई है। रांची में वज्रपात से महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) पर रेलवे ओवरब्रिज के पास सड़क टूट गई, लेकिन ट्रैफिक नहीं रहने के कारण बड़ा हादसा टल गया। इस घटना के कारण जाम भी लग गया। वहीं वज्रपात अगर ओवरब्रिज पर होता तो बड़ा नुकसान हो सकता था। पथ निर्माण विभाग के अधिकारी ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि वज्रपात के कारण सड़क की ऊपरी परत उखड़ गई है। इधर, पथ निर्माण विभाग द्वारा देर रात टूटी सड़क की जांच की प्रक्रिया जारी थी।
मौसम विभाग का दावा है कि इस वर्ष मानसून के आगमन में थोड़ी देर जरूर हुई है, लेकिन अच्छी बारिश के संकेत हैं। संभवत: आगामी सप्ताह पूरे झारखंड में अच्छी बारिश होगी। बीके मंडल ने यह भी बताया कि झारखंड में सामान्यत: 1032 मिमी. बारिश होती है। इस बार 95-96 फीसद बारिश होने की संभावना है। इधर, शाम में रांची में 56 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चली और मूसलधार बारिश हुई।
मानसून की पहली बारिश में जलजमाव ने बढ़ाई परेशानी
सोमवार को मानसून की पहली बारिश शुरू होते ही नगर निगम द्वारा की गई तैयारियों की पोल खुल गई। मूसलाधार बारिश शुरू होते ही हरमू बाइपास रोड में भारत माता चौक के समीप कवर्ड नाला के ऊपरी सतह से निकल रहा गंदा पानी सड़क पर प्रवाहित होने लगा। पैदल चलने वाले व वाहन चालक सड़क पर बह रहे गंदे पानी के बीच आवागमन करने के लिए मजबूर हो गए। सहजानंद चौक के समीप भी सड़क पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। पीपी कंपाउंड में बारिश का पानी सड़क जमा हो गया। कई घरों में बारिश का पानी प्रवेश कर गया। पहली बारिश में ही लोग परेशान हो उठे।
इधर, कचहरी रोड स्थित हलधर प्रेस गली में लोगों के घर के अंदर बारिश का पानी घुस गया। घर में रखे कई सामान पानी में तैरने लगे। बहुबाजार स्थित बनस तालाब के सामने भी सड़क के किनारे व चडरी तालाब जाने वाले मार्ग पर भी जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। वाहन चालक सड़क पर जमें पानी के बीच से होकर आवागमन करते रहे। वार्ड-23 स्थित नाला रोड में भी नाली का पानी सड़क पर प्रवाहित होने लगा।
पानी की निकासी नहीं
स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर निगम ने नाली की सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की है। सड़क के दोनों ओर तीन-तीन फीट चौड़ी नाली है। फिर भी बारिश के पानी की निकासी नहीं हो रही है। बारिश के बाद लगभग 45 मिनट तक इस क्षेत्र में जलजमाव की स्थिति बनी रही। कई घरों में नाली का गंदा पानी घुस जाने से काफी परेशानी हुई। अलकापुरी में भी कमोबेश यही स्थिति बनी रही। बारिश शुरू होने से पूर्व ही आसमान में काले बादल छा गए और तेज हवा चलने लगी। देखते ही देखते चारों ओर दिन में अंधेरा छा गया। सड़क पर आवागमन कर रहे वाहनों के हेडलाइट जल उठे।
कवर्ड नालों के ऊपरी सतह को कटर मशीन से काटने की तैयारी
अब नगर निगम जेसीबी में जोड़े गए 18 एमएम के कटर मशीन से कवर्ड नालों के ऊपरी सतह को काटने का काम शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इस कार्य के तहत जोन स्तर पर नालों के ऊपरी सतह को काटकर सफाईकर्मियों के माध्यम से जाम नालों की सफाई कराई जाएगी। बराबर दूरी पर कटर मशीन से कटिंग कर चेंबर बनाए जाएंगे, ताकि जाम कवर्ड नालों की सफाई बारिश के दौरान करायी जा सके। सहायक लोक स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ.किरण कुमारी ने बताया कि बड़े नालों की सफाई लगभग पूरी हो चुकी है। छोटी नालियों की सफाई भी अंतिम चरण में है।
गठित होंगे टास्क फोर्स
सहायक लोक स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ. किरण कुमारी ने बताया कि जिन क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होगी, वहां बारिश शुरू होने के बाद लगातर 10-15 दिनों तक निरीक्षण कार्य कराया जाएगा। इस कार्य के लिए अलग से टास्क फोर्स गठित किए जाएंगे, ताकि जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होते ही ब्लॉकेज प्वाइंट को तत्काल साफ किया जा सके।