गुमला, जासं। सिक्किम में कार्यरत आर्मी तीन बिहार बटालियन के हवलदार सुनील लकड़ा का शव मंगलवार को गुमला पहुंचा। इसके बाद गुमला के चेटर टुकूटोली स्थित आवास में प्रार्थना और मिस्सा का आयोजन किया गया। सुनील की एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिजनों के क्रंदन से माहौल गमगीन हो गए। वहां उपस्थित लोग की आंखों में आंसू डबडबा गए थे। पास्टर सिलास और राजेन्द्र के नेतृत्व में मिस्सा का आयोजन हुआ। मिस्सा के बाद अंतिम यात्रा निकाली गई। दफन क्रिया से पहले एसडीओ रवि आनंद सहित अधिकारियों ने सुनील को श्रद्धांजलि दी। सेना के जवानों ने मातमी धुन बजाए और सलामी दी। स्वजनों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
दिसंबर 2021 में होना था सेवानिवृत्त
हवलदार सुनील लकड़ा मूल रूप से रायडीह प्रखंड के कोबीटोली गांव के रहने वाले थे। वर्ष 1997 में इनकी नियुक्ति आर्मी के बिहार रेजिमेंट में जवान के पद पर हुई थी। सुनील के पिता ईश्वर लकड़ा और माता नैमी लकड़ा कोबीटोली में रहते हैं, जबकि पत्नी मधु लकड़ा, पुत्र अमन लकड़ा और पुत्री रोजी लकडा चेटर के टुकूटोली स्थित घर में रहते थे। जानकारी के अनुसार सुनील लकड़ा हवलदार के पद पर अभी सिक्किम में कार्यरत थे। दिसंबर 2021 में इनका रिटायरमेंट था। लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था।
बीते शनिवार को सेना का सामान पहुंचाने के दौरान अचानक ठंड लगने से वे बीमार पड़ गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। एसडीओ रवि आनंद ने श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि कर्तव्य निर्वहन के दाैरान बीमार पड़ने के बाद इलाज के दौरान सुनील की मौत हुई है। गुमला के युवाओं को जवानों से देश सेवा के लिए प्रेरणा लेने की जरूरत है। श्रद्धांजलि देने वालों में एसपी अभियान मनीष कुमार, एसडीपीओ मनीष चन्द्र लाल, इंस्पेक्टर मनोज कुमार आदि शामिल थे। अंतिम यात्रा में काफी संख्या में लोगों की भीड़ थी।