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डीसी साहब, समय रहते दें ध्यान तो हो जाएगा अभिभावकों का कल्याण

रांची में नई सत्र की कक्षाएं अप्रैल से शुरू होती है। अभी से लूटने की तैयारी चल रही है। 2000 फॉर्म के दाम रखे गए हैं। इससे अभिभावक परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 01:34 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 01:34 AM (IST)
डीसी साहब, समय रहते दें ध्यान तो हो जाएगा अभिभावकों का कल्याण

प्रणय कुमार सिंह, रांची

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नई सत्र की कक्षाएं अप्रैल से शुरू होती है। राजधानी रांची के निजी स्कूलों में सत्र 2020-21 में नामांकन की प्रक्रिया अक्टूबर से ही शुरू हो गई है। कुछ स्कूलों का नामांकन फॉर्म मिलना बंद हो गया है तो अधिकतर स्कूलों के फॉर्म मिल रहे हैं। यानी निजी स्कूलों ने अभिभावकों को लूटना शुरू कर दिया है जो मार्च तक यूं ही चलता रहेगा। स्कूल प्रबंधन नामांकन फार्म ही 2000 रुपये में दे रहे हैं। इसके बाद मनमाने नामांकन शुल्क से लेकर कॉपी-किताब, ड्रेस में कमीशन का खेल चलेगा। जब सब कुछ हो चुका होता है तब जिला प्रशासन प्राचार्यो की बैठक बुलाकर उन्हें शुल्क नहीं बढ़ाने से लेकर एनसीईआरटी की किताबें चलाने व बुक लिस्ट स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देते हैं। इसी दौरान विभिन्न अभिभावक संगठन भी थोड़े समय के लिए आंदोलन कर अपना काम बना लेते हैं। इन सबके बीच अभिभावक ठगा महसूस करते हैं। यदि अभी से उपायुक्त स्कूलों के प्रति सख्त रवैया अपनाए तो अभिभावकों की परेशानी कुछ कम हो जाएगी। सरकार ने निजी स्कूलों पर सख्ती के लिए 2018 में बनाई थी कानून

वर्ष 2017 में उस समय के उपायुक्त ने 31 मार्च को प्राचार्यो के साथ बैठक कर स्कूलों को किताब, ड्रेस, शुल्क को लेकर दिशा-निर्देश दिए थे। उस समय डीसी ने एसडीओ से कहा था कि दुकानदार किताब के साथ कॉपी खरीदने के लिए बाध्य करे तो धारा 144 के तहत एफआइआर दर्ज करें। लेकिन उस समय इस बैठक का कोई मायने नहीं रह गया था। वर्ष 2018 में सरकार ने निजी स्कूलों के नकेल कसने के लिए नियम बनाकर लागू कर दिया। इसमें 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क नहीं बढ़ाने से लेकर अन्य निर्देश हैं। लेकिन स्कूलों की मनमानी रुकी नहीं है। हर वर्ष स्कूल प्रबंधन बदल देते हैं किताब

स्कूल प्रबंधन हर वर्ष किताब बदल देते हैं। एनसीईआरटी को तवज्जो नहीं देकर निजी प्रकाशन की किताबें चलाते हैं। अभिभावक जो किताब मार्च में खरीदेंगे, उसमें कमीशन का खेल अभी से ही शुरू हो गया है। निजी प्रकाशक स्कूल पहुंचकर कमीशन के साथ यह भी तय कर रहे हैं कि किस स्कूल की किताब किस निर्धारित दुकानों में ही उपलब्ध रहेगी। यही बातें स्कूल ड्रेस पर भी लागू होती है। अभी से इस पर ध्यान हो तो कुछ बात बने। अन्यथा सच तो यह है कि यह सिर्फ दिखावा था।

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स्कूलों में नामांकन फार्म की स्थिति

स्कूल- फार्म की कीमत- कब तक

डीपीएस-2000- 23 नवंबर

जेवीएम श्यामली-1500----

मनन विद्या- 800- मिल रहा है

ब्रिजफोर्ड- 800- 26 नवंबर

लोयला कान्वेंट-1000-मिल रहा है।

गुरुनानक स्कूल- 800- मिल रहा है।

डीएवी आलोक-600-मिल रहा है।

सुरेंद्रनाथ- 1500- 22 नवंबर तक

डीएवी ग्रुप- 1000 रुपये

बिशप स्कूल- 600- 18 नवंबर से

कैंब्रियन- 900- मिल रहा है।

आक्सफोर्ड- 1000- मिल रहा है।


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