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कांग्रेस का डैमेज कंट्रोल, भंग की रांची महानगर कमेटी Ranchi News

झारखंड कांग्रेस की आपसी लड़ाई के बीच अब तक सुबोध कांत सहाय के डेढ़ दर्जन समर्थक कमेटी से इस्तीफा दे चुके हैं। लेकिन अभी भी कई सहाय समर्थक पार्टी के महत्‍वपूर्ण पदों पर आसीन हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 09:56 PM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 09:56 PM (IST)
कांग्रेस का डैमेज कंट्रोल, भंग की रांची महानगर कमेटी Ranchi News
कांग्रेस का डैमेज कंट्रोल, भंग की रांची महानगर कमेटी Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी भले ही नेताओं की आपसी लड़ाई रोकने के लिए प्रयास कर रही है, रांची में यह लड़ाई आगे ही बढ़ती दिख रही है। महानगर कांग्रेस में सुबोधकांत सहाय के समर्थक सदस्य लगातार इस्तीफा दे रहे थे और रविवार को इस्तीफा देने की घोषणा करनेवालों को जोड़ दें तो संख्या 19 हो चुकी थी। आगे की भी तैयारी थी और हर दिन पांच इस्तीफे से घटकर तीन इस्तीफे का चक्र शुरू होने वाला था। इससे भले ही आम लोगों और पार्टी पर कोई प्रभाव न पड़े, सुबोधकांत के असर को समझा जा सकता था।

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इसी संदेश को फैलने से रोकने के लिए आनन-फानन में महानगर कांग्रेस ने कमेटी ही भंग कर दी। दावा यह कि कमेटी में कई लोग निष्क्रिय हो गए थे और इसका पुनर्गठन करना ही था, इसलिए यह कदम उठाया गया। हालांकि कांग्रेस नेता समझ रहे हैं कि यह कदम क्यों उठाया गया है। रविवार को महानगर कमेटी भंग होने की सूचना महानगर कांग्रेस के प्रवक्ता सोनल शांति ने दी। इसके अलावा सिर्फ इतना बताया गया कि कुछ निष्क्रिय लोगों के बदले सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा।

लेकिन, सूत्र बताते हैं कि महानगर कांग्रेस के माध्यम से सुबोधकांत जो दबाव कांग्रेस पर बना रहे थे, उसे रोकने के लिए ऐसा किया गया है। सोनल ने बताया कि अभी कमेटी का पुनर्गठन होगा, लेकिन कोई तिथि तय नहीं की गई है। कमेटी को भंग करने के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार और जोनल कोऑर्डिनेटर अशोक चौधरी की अनुमति लेने की बात भी उन्होंने कही।

सुबोध स्वयं अथवा उनकी कोर टीम इस्तीफा नहीं दे रहे

महानगर कांग्रेस से सुबोधकांत समर्थकों के इस्तीफे के साथ ही यह बात उठने लगी है कि आखिर सुबोधकांत सहाय स्वयं अथवा उनकी कोर टीम इस्तीफा क्यों नहीं दे रही। चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के नाते पिछले चुनाव में असफलता को देखते हुए कमेटी को ऐसे ही इस्तीफा दे देना था। इसके अलावा सूत्र बताते हैं कि प्रवक्ता समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर सुबोधकांत के समर्थक आसीन हैं, लेकिन इन लोगों का इस्तीफा नहीं कराया जा रहा था। संभावना व्यक्त की जा रही है कि बाद में इनका इस्तीफा लिया जाएगा।
कमेटी बची ही नहीं तो भंग करने का क्या मतलब
रांची महानगर कांग्रेस कमेटी को भंग किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले रणविजय सिंह और महासचिव पद से इस्तीफा देनेवाले जोगिंदर सिंह ने महानगर कमेटी भंग होने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब कमेटी में कोई बचा ही नहीं तो इसको भंग करने का क्या मतलब है। महानगर अध्यक्ष ने डर से कमेटी भंग कर दिया है। लगभग सभी पदाधिकारी एवं सदस्य तो पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में वे कमेटी भंग कर अपनी प्रतिष्ठा बचा रहे हैं।

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