दैनिक जागरण घोषणा पत्र: खूंटी सांसद अर्जुन मुंडा ने कहा- पूरी ईमानदारी से करूंगा काम, उम्मीदों पर खरा उतरुंगा
दैनिक जागरण ने तीन राष्ट्रीय तीन राज्यस्तरीय और तीन स्थानीय मुद्दे को समाहित कर नागरिकों का मांग-पत्र तैयार किया है। जिसे खूंटी के सांसद अर्जुन मुंडा को शनिवार को सौंपा गया।
By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 10:19 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 07:34 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री और खूंटी सांसद अर्जुन मुंडा ने दैनिक जागरण के विशेष अभियान 'हर वोट कुछ कहता है' की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जागरण परिवार ने यह अभिनव प्रयोग किया है। उसने न सिर्फ जनता की मन:स्थिति को टटोला है, बल्कि स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सुलझाए जाने वाले स्थानीय मुद्दों को रेखांकित कर क्षेत्रीय विकास की राह में महती भागीदारी निभाई है। उन्होंने खुले मन से कहा कि दैनिक जागरण गांव की वास्तविक आवश्यकताओं को रेखांकित करें, सरकार योजनाबद्ध तरीके से उसपर काम करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने दैनिक जागरण से यह वादा शनिवार को रांची स्थित अपने आवासीय कार्यालय में किया। इससे पूर्व दैनिक जागरण झारखंड के वरीय महाप्रबंधक मनोज गुप्ता और स्थानीय संपादक प्रदीप कुमार शुक्ल ने केंद्रीय मंत्री सह सांसद को खूंटी लोकसभा क्षेत्र के नागरिकों का मांगपत्र सौंपा। यह मांग पत्र 'हर वोट कुछ कहता है' अभियान के तहत खूंटी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की वर्तमान आवश्यकताओं का निचोड़ है, जिसे खुद वहां की जनता ने दैनिक जागरण के साथ साझा किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई दौर ऐसा आता है, जब हम समयाभाव, विजन की कमी अथवा योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं कर पाने की वजह से विकास की मूल राह से भटक जाते हैं। ऐसे में छोटी-छोटी समस्याएं भी जुड़कर बड़ी हो जाती है। इससे इतर अगर संकट से निकलने की जीवटता हो तो रास्ते निकल आते हैं। उन्होंने कहा कि विकास की गति नदी की धार की तरह है, जिसमें समय के साथ बदलाव होता रहता हैै। यह जरूरी नहीं है कि जो योजना आज उपयोगी है, वह कल भी रहे। अगर किसी किसान का बेटा पढ़ लिखकर बाहर चला जाता है तो उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है।
ऐसे में समय-समय पर योजनाओं का मूल्यांकन कर उसे वर्तमान परिप्रेक्ष्य के साथ जोडऩा जरूरी है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि योजनाएं सरकार की नहीं, बल्कि जनता की होती है। ऐसे में योजनाओं की देखरेख और उसके संरक्षण का ओनरशिप लेना विकास की पहली शर्त है। आम जनता को यह समझना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि आजादी के 70 वर्षों में विकास नहीं हुए हैं। इससे इतर विकास कार्यों का वास्तविक लेखा जोखा हमारे पास नहीं है। आज हम कहां हैं, इसका आकलन भी जरुरी है।
भारतीय रेल ने औद्योगिक विकास को केंद्र में 40 वर्षों तक मुफ्त औद्योगिक सामग्र्री की ढुलाई की, परंतु उसका अपेक्षित फलाफल नहीं निकला। ऐसे में विकास योजनाओं का सांख्यिकीय विश्लेषण जरूरी हो जाता है। झारखंड के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन यहां के मूल वाशिंदों की बुनियादी आवश्यकता है। खासतौर पर जमीन खो जाने से व्यक्ति खो जाता है। इन मुद्दों को कतई नकारा नहीं जा सकता। स्पष्ट विजन के आगे बढऩे की जरूरत होती है।
दैनिक जागरण झारखंड के वरीय महाप्रबंधक मनोज गुप्ता ने कहा कि जागरण परिवार खूंटी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों का यह मांगपत्र इस उम्मीद के साथ सौंप रहा है कि सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे। एक सजग प्रहरी के रूप में जागरण केंद्रीय मंत्री सह सांसद को समय-समय पर उनके उत्तरदायित्व का बोध कराता रहेगा। जागरण संबंधित मुद्दों पर सरकार के स्तर से होने वाली कार्रवाई क्षेत्र की जनता के साथ साझा करेगा। साथ ही विकास योजनाओं की प्रगति तथा उसके कील-कांटे से सांसद और क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराएगा।
केंद्रीय मंत्री ने दैनिक जागरण से यह वादा शनिवार को रांची स्थित अपने आवासीय कार्यालय में किया। इससे पूर्व दैनिक जागरण झारखंड के वरीय महाप्रबंधक मनोज गुप्ता और स्थानीय संपादक प्रदीप कुमार शुक्ल ने केंद्रीय मंत्री सह सांसद को खूंटी लोकसभा क्षेत्र के नागरिकों का मांगपत्र सौंपा। यह मांग पत्र 'हर वोट कुछ कहता है' अभियान के तहत खूंटी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की वर्तमान आवश्यकताओं का निचोड़ है, जिसे खुद वहां की जनता ने दैनिक जागरण के साथ साझा किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई दौर ऐसा आता है, जब हम समयाभाव, विजन की कमी अथवा योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं कर पाने की वजह से विकास की मूल राह से भटक जाते हैं। ऐसे में छोटी-छोटी समस्याएं भी जुड़कर बड़ी हो जाती है। इससे इतर अगर संकट से निकलने की जीवटता हो तो रास्ते निकल आते हैं। उन्होंने कहा कि विकास की गति नदी की धार की तरह है, जिसमें समय के साथ बदलाव होता रहता हैै। यह जरूरी नहीं है कि जो योजना आज उपयोगी है, वह कल भी रहे। अगर किसी किसान का बेटा पढ़ लिखकर बाहर चला जाता है तो उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है।
ऐसे में समय-समय पर योजनाओं का मूल्यांकन कर उसे वर्तमान परिप्रेक्ष्य के साथ जोडऩा जरूरी है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि योजनाएं सरकार की नहीं, बल्कि जनता की होती है। ऐसे में योजनाओं की देखरेख और उसके संरक्षण का ओनरशिप लेना विकास की पहली शर्त है। आम जनता को यह समझना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि आजादी के 70 वर्षों में विकास नहीं हुए हैं। इससे इतर विकास कार्यों का वास्तविक लेखा जोखा हमारे पास नहीं है। आज हम कहां हैं, इसका आकलन भी जरुरी है।
भारतीय रेल ने औद्योगिक विकास को केंद्र में 40 वर्षों तक मुफ्त औद्योगिक सामग्र्री की ढुलाई की, परंतु उसका अपेक्षित फलाफल नहीं निकला। ऐसे में विकास योजनाओं का सांख्यिकीय विश्लेषण जरूरी हो जाता है। झारखंड के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन यहां के मूल वाशिंदों की बुनियादी आवश्यकता है। खासतौर पर जमीन खो जाने से व्यक्ति खो जाता है। इन मुद्दों को कतई नकारा नहीं जा सकता। स्पष्ट विजन के आगे बढऩे की जरूरत होती है।
दैनिक जागरण झारखंड के वरीय महाप्रबंधक मनोज गुप्ता ने कहा कि जागरण परिवार खूंटी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों का यह मांगपत्र इस उम्मीद के साथ सौंप रहा है कि सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे। एक सजग प्रहरी के रूप में जागरण केंद्रीय मंत्री सह सांसद को समय-समय पर उनके उत्तरदायित्व का बोध कराता रहेगा। जागरण संबंधित मुद्दों पर सरकार के स्तर से होने वाली कार्रवाई क्षेत्र की जनता के साथ साझा करेगा। साथ ही विकास योजनाओं की प्रगति तथा उसके कील-कांटे से सांसद और क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराएगा।
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