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साइकिलिंग ग्रुप दे रहा पर्यावरण संरक्षण का संदेश

राची : साइकिलिंग एक ऐसी कसरत है जिससे कई खतरनाक बीमारिया जैसे मोटापा, रक्तचाप आदि बिमारियों से बचा जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 07:44 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 07:44 AM (IST)
साइकिलिंग ग्रुप दे रहा पर्यावरण संरक्षण का संदेश
साइकिलिंग ग्रुप दे रहा पर्यावरण संरक्षण का संदेश

सलोनी, राची : साइकिलिंग एक ऐसी कसरत है जिससे कई खतरनाक बीमारिया जैसे मोटापा, रक्तचाप आदि दूर रहती है, ना ही सिर्फ यह एक कसरत है बल्कि एक आनंदमयी मनोरंजन का जरिया भी है। इसे ध्यान में रखते हुए शहर में अलग-अलग साइकिलिंग ग्रुप बना कर लोग पर्यावरण की रक्षा एवं स्वस्थ रखने का संदेश दे रहे हैं, दो ग्रुप इसमें सक्रिय है, साइकिल दोस्त और रांची साइकिलिंग क्लब, इन दोनों ग्रुप से 40-45 लोग जुड़े हुए हैं जो हर रविवार अपनी साइकिल लेकर राची के समीप गावों तक साइकिल चला कर जाते हैं। यह ग्रुप ज्यादा से ज्यादा लोगों को पर्यावरण संरक्षण, हेल्दी जिंदगी जीने का प्रोत्साहन देते हैं। हेल्दी संडे : बिजनेसमैन, सीए, बैंकर्स एवं विभिन्न विभागों के लोग एकत्रित होकर एवं सटीक राइडिंग गियर्स लेकर प्रकृति की सुंदरता को सराहने एक साथ निकलते हैं। ताजी हवा और कसरत के बीच में इन ग्रुप वालों का रविवार बीतता है और इस दिन का उल्लेख यह लोग हेल्दी संडे के नाम से करते हैं। पतरातू, हुंडरू फॉल, दशम फॉल, मैक्लुस्कीगंज जैसे कई सुंदर जगहों पर इन्होंने अब तक अपने पदचिन्ह छोड़े हैं। साइकिल दोस्त : जब्बर सिंह द्वारा शुरू की गई यह पहल आज राचीवासियों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है। सभी उम्र के लोग इस ग्रुप से जुड़ रहे हैं और स्वस्थ रहने व पर्यावरण को भी स्वस्थ रखने का संदेश दे रहे हैं। इसमें 15 साल से लेकर 56 साल के लोग भी शामिल हैं। साइकिल दोस्त शरीर को फिट रखने के साथ साथ पर्यावरण की संरक्षण की महत्ता को भी समझाता है। इनका फेसबुक पर पेज भी है साइकिल दोस्त नाम से जिसे देख कर ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ रहे हैं। क्लब के सदस्य राजीव कहते हैं कि साइकिल दोस्त शुरू हुए दो से ज्यादा साल हो गए और जब्बर सिंह के साथ सबसे पहले मैं जुड़ा। आज 45 लोगों का ग्रुप बन चुका है साइकिल दोस्त और मुझे काफी खुशी है कि युवा भी इस पहल से जुड़ रहे हैं और इस ग्रुप के उद्देश्य को सफल बना रहे हैं। हम वाट्सएप पर हमारे ट्रिप की जगह का चयन कर लेते हैं और हर रविवार को तड़के निकल पड़ते हैं हमारी मंजिल की ओर। हम सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करते और सटीक राइडिंग गियर लेकर ही चलते हैं। जो साइकिल हम इस्तेमाल करते हैं उनकी कीमत बाकी साइकिलों से थोड़ी ज्यादा हैं परंतु यह काफी हल्की होती है। जिससे हमे कोई परेशानी नहीं होती। रास्ते में चलते-चलते काफी लोग आकर हमसे बातचीत करते हैं और हमारे इस ग्रुप के बारे में जानकारी भी लेते हैं। रांची साइकिलिंग क्लब : इस ग्रुप की शुरुआत तीन साल पहले कुमार विकास व कनिष्क पोद्दार ने की थी। इस ग्रुप में 200 से ज्यादा सदस्य हैं लेकिन एक्टिव मेंबर्स की संख्या 45 है। इनका उद्देश्य है की साइकिलिंग को प्राइमरी मोड ऑफ ट्रांसपोर्टेशन बनाया जाए। जिससे पर्यावरण संरक्षण भी हो और लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहे। ग्रुप की शुरूआत करने वाले कनिष्क कहते हैं कि हर रविवार हम साइकिल लेकर निकलते हैं और 40-45 किलोमीटर तक साइकिलिंग कर जाते हैं, हम खुशकिस्मत हैं कि रांची में रहते हैं, हमारे पास जगह है साइकिलिंग करने की, बड़े शहरों में ऐसा नहीं है। आजकल हेल्थ पर ध्यान देने का वक्त लोगों को नहीं मिल पाता, ऐसे में साइकिलिंग मददगार साबित हो रही है। भविष्य में हम साइकिलिंग एज अ मोड ऑफ टूरिज्म को भी बढ़ावा देने के बारे में सोच रहे हैं। मैं अगर अपनी बात करूं तो मैं साइकिल से रांची से देवघर तक भी जा चुका हूं जिसमें मुझे दो दिन लगे, इसमें मेरे साथ ग्रुप के सदस्य अपूर्व मिंज व दियव्म भी साथ थे।

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