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Cyber Crime: रिम्‍स के डॉक्‍टर के नाम पर फेक आइडी बना ठग लिए 15 हजार, जांच में जुटी पुलिस

Jharkhand Crime. साइबर अपराधियों ने रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी के नाम से फेक आइडी बनाई। डॉक्टर दोस्‍त ने अपने साथी को फोन कर घटना की जानकारी दी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 11:42 AM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 03:51 PM (IST)
Cyber Crime: रिम्‍स के डॉक्‍टर के नाम पर फेक आइडी बना ठग लिए 15 हजार, जांच में जुटी पुलिस
Cyber Crime: रिम्‍स के डॉक्‍टर के नाम पर फेक आइडी बना ठग लिए 15 हजार, जांच में जुटी पुलिस

रांची, जासं। विपदा की इस घड़ी में भी ठगों का धंधा जारी है। ठगों ने इस फर्जीवाड़े में रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ मनोज कुमार के नाम का खूब इस्तेमाल किया है। रिम्स में कोरोना की जांच करने वाले माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड डॉ मनोज कुमार के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर हैकर पैसे की मांग कर रहे हैं। हैकरों ने फेक आइडी के द्वारा उनके ही विभाग के एक वैज्ञानिक निकेश कुमार सिन्हा से 15 हजार रुपये भी ठग लिए। जब उक्त वैज्ञानिक ने डॉ मनोज को फोन कर 15 हजार डालने की बात बताई, तब जाकर फेक आइडी की बात सामने आयी।

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दरअसल, हैकरों ने एक फेक अकाउंट तैयार किया, जिसमें डॉ मनोज कुमार की तस्वीर और डिटेल रियल अकाउंट से कॉपी कर लगा दिया। फिर उसी फेक आइडी से माइक्रोबायोलॉजी विभाग के ही एक वैज्ञानिक को हैकर ने मैसेज कर गूगल पे के माध्यम से 15 हजार भेजने को कहा। वैज्ञानिक ने पैसे भी भेज दिए। इस घटना की सूचना होने के बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी साइबर क्राइम थाना और स्थानीय बारियातू थाना को दी। मामले की जांच की जा रही है।

एम्स के डॉक्टरों ने फोन कर दी जानकारी

डॉ मनोज कुमार ने बताया कि उनके एम्स के दोस्तों ने उन्हें फोन कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एम्स के डॉक्टरों ने फोन कर बताया कि कोई उनके अकाउंट को हैक कर दूसरे नंबर से फोन कर पैसे की मांग कर रहा है। शिकायत के बाद डॉ मनोज ने लोगों से आग्रह किया कि सभी ऐसे फर्जीवाड़े से बचें। उन्होंने बताया कि फर्जी अकाउंट में उनका डेट ऑफ बर्थ 1994 लिखा था, जबकि 1994 में उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई भी पूरी कर ली थी।


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