झोला लेकर आ रहे ग्राहक, प्लास्टिक के विक्लप को मिले बढ़ावा
रांची प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध के बाद ग्राहकों में जागरूकता आई है।
जागरण संवाददाता, रांची : प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध के बाद ग्राहकों में जागरूकता आई है। ग्राहकों का बड़ा वर्ग है जो अब बाजार झोला लेकर निकलता है। अपर बाजार के व्यापारी भी दुकानों में प्लास्टिक बैन का समर्थन कर रहे हैं। दुकान में आने वाले ग्राहक यदि प्लास्टिक बैग की मांग करता है तो उसे साफ मना कर दिया जाता है। कई दुकानदारों ने अपने दुकान के नाम का झोला बनवा लिया है। उनका कहना है कि इससे अपने दुकान का प्रचार भी हो जाता है। इसके साथ ही झोले प्लास्टिक से ज्यादा मजबूत है। दैनिक जागरण के द्वारा आयोजित प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल को कम करने के लिए परिचर्चा में व्यवसायी नरसिंह कुमार ने कहा कि प्रतिबंध 50 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक पर है। ऐसे में 51 माइक्रोन के प्लास्टिक के कैरी बैग को बढ़ावा देना चाहिए। इस प्लास्टिक का निगम के द्वारा उठाव और रिसाइकिल किया जाना संभव है। इसके साथ ही बड़े स्तर पर रिसाइकिल की व्यवस्था की जानी चाहिए। बैन से खतरे में डिस्पोजल व्यापार-
व्यापारियों का कहना है कि प्लास्टिक बैन पर ग्राहकों और बाजार में कई प्रकार के भ्रम हैं। इससे डिस्पोजल व्यापार पर बड़ा असर पड़ा है। डिस्पोजल व्यापारी राजीव थेपड़ा ने कहा कि बैन का प्रतिकूल असर व्यापार पर पड़ा है। छोटे शहरों में बैन के नाम पर डिस्पोजल व्यापारी को परेशान किया जा रहा है। व्यापार की हालात ये है कि व्यावसायी बैंक का लोन भी नहीं चूका पा रहें हैं। उन्होंने बताया कि अपर बाजार में 40 प्लास्टिक विक्रेता है, वहीं बाकि रांची में 20 के आसपास विक्रेता है। मगर सभी की हालात खराब हो गयी है। पड़ोस के राज्यों से आ रहा प्लास्टिक -
रांची में आसपास के राज्यों से प्लास्टिक बैग की सप्लाई जारी है। इसका कारण है कि बिहार और बंगाल में प्लास्टिक कैरी बैग पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है। इसका फायदा कुछ व्यापारी उठा रहे हैं। व्यापारी अनिल पोद्दार ने बताया कि इससे यहां के ठोंगा व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। सरकार को प्लास्टिक बैन को चरणबद्ध तरीके से बैन किया जाना चाहिए। व्यापारियों का सुझाव -
--- प्लास्टिक बैग की हो वैकल्पिक व्यवस्था के लिए दिया जा रहा सब्सिडी
--- बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट की करनी होगी प्लानिंग
--- स्वयं सहायता समूहों के साथ लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए