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कोर्ट : नगर विकास मंत्री सीपी सिंह सहित चार भाजपा नेताओं के बयान दर्ज

-सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने और संपत्ति को क्षति पहुंचाने के हैं आरोपित -अदालत ने

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Apr 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 07 Apr 2018 03:00 AM (IST)
कोर्ट : नगर विकास मंत्री सीपी सिंह सहित चार भाजपा नेताओं के बयान दर्ज
कोर्ट : नगर विकास मंत्री सीपी सिंह सहित चार भाजपा नेताओं के बयान दर्ज

-सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने और संपत्ति को क्षति पहुंचाने के हैं आरोपित

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-अदालत ने फैसले के लिए निर्धारित की 10 अप्रैल की तिथि

जागरण संवाददाता, रांची : 22 मई 2008 में बैरिकेडिंग तोड़ते हुए सीएम आवास में घुसने के मामले में आरोपित नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, झारखंड खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ, भाजपा नेता अजय मारू व गामा सिंह ने शुक्रवार को न्यायिक दंडाधिकारी रेमी प्रफुल्ल बा की अदालत में अपने बयान दर्ज करवाए। नेताओं की ओर से अधिवक्ता रणविजय सिंह ने अदालत में पैरवी की। मंत्री सहित अन्य अभियुक्तों के खिलाफविभिन्न मांगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के आवास का घेराव करने के दौरान नाजायज मजमा लगाने, सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने, सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत ने मामले में फैसले के लिए 10 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।

तत्कालीन प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी उमेश प्रसाद ने 22 मई 2008 में गोंदा थाना कांड संख्या 81/08 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 21 से 23 मई 2008 को भाजपा ने विभिन्न मुद्दों को लेकर राजभवन और मुख्यमंत्री आवास घेराव और गिरफ्तारी का कार्यक्रम तय था। 22 मई को भाजपा नेताओं ने बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर प्रतिबंधित क्षेत्र में घुस गए।

शिकायतकर्ता से लेकर अनुसंधान पदाधिकारी व थाना प्रभारी ने नहीं दी गवाही

हाई कोर्ट के बार बार-बार आदेश व डीजीपी व एसएसपी आदि संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखे जाने के बाद भी अधिकारी गवाही देने अदालत में नहीं पहुंच रहे हैं। नगर विकास मंत्री से जुड़े मामले में भी पुलिस पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी गवाही देने नहीं पहुंचे। मंत्री व अन्य भाजपा नेताओं से जुड़े मामले में सूचक प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी उमेश प्रसाद सिंह ने भी गवाही नहीं दी। इसके अलावा अनुसंधान पदाधिकारी सिद्धनाथ दुबे, गोंदा के तत्कालीन थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद सिंह, राची के तत्कालीन एसडीओ मनोज कुमार, तत्कालीन इंस्पेक्टर बीएल मिश्रा भी अदालत में गवाही देने नहीं पहुंचे। अदालत में मात्र तत्कालीन मजिस्ट्रेट अखौरी शशाक सिंह, के रवि कुमार और तत्कालीन सिटी डीएसपी महेश राम पासवान की गवाही अदालत में दर्ज की गई।


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