गढ़वा में किशोरों का टीकाकरण शुरू, इस उम्र के बच्चें वैक्सीनेशन सेंटर जाकर ले सकते है वैक्सिन
15 से 18 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन (Vaccination For Teenagers) सोमवार से शुरु हो गया। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के अनुसार इन बच्चों को काेवैक्सीन (Covaxin) लगाया जाना है। झारखंड (Jharkhand) के ग्रामीण क्षेत्रों में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का भी वैक्सीनेशन (Vaccination) चल रहा है।
गढ़वा, संवाद सहयोगी। Covid19 Vaccination for Teenagers : 15 से 18 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन (Vaccination For Teenagers) सोमवार से शुरु हो गया। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के निर्देश के अनुसार इन बच्चों को काेवैक्सीन (Covaxin) लगाया जाना है। जबकि झारखंड (Jharkhand) के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहले से ही 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का भी वैक्सीनेशन (Vaccination) चल रहा है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की 200 वैक्सीनेशन टीमें कार्य कर रही हैं।
18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का भी वैक्सीनेशन
सिविल सर्जन डॉ कमलेश कुमार ने बताया कि फिलवक्त सरकारी विद्यालयों के 15 से 18 वर्ष आयु के बच्चों को पहले दिन वैक्सीनेशन किया जा रहा है। जबकि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का भी वैक्सीनेशन इसके साथ ही जारी रहेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन टीमें संबंधित पंचायत के हाईस्कूल में पहुंचकर 15 से 18 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन करेगी।
इच्छुक वैक्सीनेशन केंद्र में जाकर लगवा सकते हैं कोवैक्सीन
उन्होंने बताया कि निजी विद्यालयों के प्रबंधन ने बच्चों के अभिभावकों से सहमति पत्र लेने के बाद ही वैक्सीनेशन कराए जाने संबंधी प्रस्ताव प्रशासन के समक्ष रखे थे। इसे देखते हुए सहमति पत्र लेने के बाद अगले दिन से निजी विद्यालयों के 15 से 18 वर्ष आयुवाले छात्र-छात्राओं का वैक्सीनेशन किया जाएगा। सिविल सर्जन ने बताया कि 15 से 18 वर्ष के जो बच्चे इच्छुक हैं, वे किसी भी वैक्सीनेशन केंद्र में जाकर कोवैक्सीन लगवा सकते हैं।
जिले में 96103 बच्चों को वैक्सीनेशन का है लक्ष्य
जिले में 15 से 18 वर्ष आयु के 96103 बच्चों को कोविडरोधी वैक्सीन लगाया जाना है। जबकि जिले के करीब 125 सरकारी व निजी हाईस्कूलों में नवम से 12 वीं तक कुल 61418 छात्र-छात्राएं हैं।
करीब 65 फीसद लक्ष्य हो जाएगा पूरा
विभाग के लोगों की मानें तो इनमें से कई छात्र-छात्राएं 15 वर्ष से कम आयु के भी हो सकते हैं। इस स्थिति में विद्यालयों में बच्चों के वैक्सीनेशन का आंकड़ा कम हो सकता है। हालांकि उच्च विद्यालयों व इंटर कॉलेज में नामांकित बच्चों के वैक्सीनेशन से करीब 65 फीसद लक्ष्य पूरा हो जाएगा। जबकि ड्राप आउट व विभिन्न कार्यों में लगे 15 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन के स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन को घर-घर जाकर टीकाकरण करना होगा।