Coronavirus Update: झारखंड में आज से सभी मौतों की विशेष जांच, 179 में 175 नेगेटिव; जानें ताजा हाल
Coronavirus Update झारखंड में कोरोना का मरीज अभी तक नहीं मिला है। शनिवार को 26 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 22 की जांच रिपोर्ट आ गई है। सभी रिपोर्ट नेगेटिव है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के लिए अभी तक अच्छी खबर है। झारखंड में अबतक कुल 179 लोगों के सैंपल की जांच हुई है। इनमें से 175 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। चार लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। झारखंड में कोरोना का मरीज अभी तक नहीं मिला है। शनिवार को कुल 26 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 22 लोगों की जांच रिपोर्ट आ गई है। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव है। चार लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है। शनिवार को रिम्स, रांची में 06, लातेहार में 01, एमजीएम, जमशेदपुर में 10, हजारीबाग में 01, बोकारो में 02, तथा सिमडेगा में 02 सैंपल की जांच की गई। सभी की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं सरायकेला खरसावां में 03 तथा पश्चिमी सिंहभूम में 01 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
अबतक कहां कितने लोगों की जांच
- रिम्स, रांची : 79
- एमजीएम, जमशेदपुर : 70 बोकारो : 06
- पश्चिमी सिंहभूम : 03
- सरायकेला खरसांवा : 04 हजारीबाग : 03
- लातेहार : 01
- सिमडेगा : 02
- धनबाद : 03
- देवघर : 04
- मिलिट्री हॉस्पिटल नामकुम : 01
- पलामू : 02
- खूंटी : 01
फैक्ट फाइल
- राज्य सरकार ने अबतक 567 आइसोलेशन बेड चिन्हित किए हैं। इनमें मेडिकल कॉलेजों में 96, जिला अस्पतालों में 200 तथा निजी अस्पतालों में 271 बेड चिन्हित किए गए हैं।
- राज्य सरकार ने कुल 1,469 क्वारेंटाइन बेड भी चिन्हित किए हैं।
- चीन, नेपाल तथा अन्य देशों से झारखंड लौटे 911 लोगों की लगातार निगरानी की जा रही है। इनमें से 163 लोगों का 28 दिनों का आइसोलेशन पीरियड खत्म हो गया है।
- राज्य सरकार ने 73,251 लोगों को होम क्वारेंटाइन में रखा है जबकि 272 अस्पतालों में क्वारेंटाइन में हैं।
राज्य में आज से सभी मौतों की होगी जांच
राज्य सरकार ने कोरोना से बचाव को लेकर राज्य में होने वाली सभी प्रकार की मौतों की जांच का निर्णय लिया है। अब पूरे राज्य में किसी भी कारणों से होने वाली मौत की प्रारंभिक जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने इसे लेकर सभी उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को सख्त निर्देश दिया है। रविवार से जांच शुरू हो जाएगी। स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि कोरोना के वर्तमान संकट में राज्य में हो रही मौतों की जांच जरूरी है। उन्होंने जिला एवं प्रखंड स्तर पर कार्यरत चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल कर्मियों को इसमें लगाने का निर्देश दिया है।
लक्षण मिलने पर कोरोना जांच के लिए लिया जाएगा सैंपल
चिकित्सक अपने स्वास्थ्य केंद्र के अलावा अपने क्षेत्र में होने वाली मौत की भी प्रारंभिक जांच करेंगे। कोरोना वायरस के लक्षण मिलने पर उसके स्वाब की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी। जांच में कोरोना से मौत की पुष्टि होने पर उसके संपर्क में आनेवाले लोगों की पहचान कर उनकी भी जांच सुनिश्चित की जाएगी। प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर मौत की जानकारी देने की जिम्मेदारी एएनएम एवं सहिया की होगी। स्वास्थ्य सचिव ने सैंपल लेने के क्रम में केंद्र सरकार द्वारा तय प्रोटोकॉल तथा राज्य स्तर पर जारी गाइडलाइन का सख्ती से अनुपालन करने का भी निर्देश दिया है।
राशन-सब्जी व आवश्यक वस्तु नहीं मिले, तो 181 पर करें शिकायत
कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे की आशंका को देखते हुए पूरे देश में लागू लॉकडाउन के दौरान राज्य का आपदा प्रबंधन विभाग भी पूरी तरह रेस है। विभागीय मंत्री बनने के बाद से ही बन्ना गुप्ता की सक्रियता किसी से छिपी नहीं है। अब कोरोना महामारी की आशंका के बीच आम लोगों को राशन व आवश्यक सामग्री की आपूर्ति में कोई परेशानी न हो, इसपर आपदा प्रबंधन विभाग की नजर है। इस विभाग ने एक हेल्पलाइन नंबर 181 भी जारी किया है, जिसपर कोई भी व्यक्ति अपनी परेशानी बता सकता है। इसपर जमाखोरी, उचित मूल्य से ज्यादा कीमत पर सामान बेचे जाने संबंधित सूचना, राशन दुकान नहीं खुलने संबंधित सूचना, गैस नहीं मिलने संबंधित सूचना दे सकता है।
तीन शिफ्ट में चल रहा आपदा प्रबंधन विभाग
हेल्पलाइन नंबर पर तीन शिफ्ट में रोटेशन के आधार पर आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मी लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं। इस विभाग ने सभी जिलों के डीसी से भी समन्वय बनाया है, ताकि जहां कहीं भी आपूर्ति संबंधित कोई परेशानी होगी, उसे ससमय पूरा किया जा सकेगा। इतना ही नहीं, आपदा की स्थिति में अगर बल की कमी होगी, तो विभाग का स्टैंड बाय मोड में कार्यरत बल उक्त स्थान के लिए कूच कर जाएगा। विभागीय संयुक्त सचिव मनीष कुमार ने बताया कि उनका विभाग पूरी तरह तैयार है। मंत्री बन्ना गुप्ता हर दिन पूरे मामले में अपडेट लेते रहते हैं, ताकि किसी तरह की कोई कोताही न बरती जा सके।
कोरोना के संकट में अल्पसंख्यक शिक्षकों को राहत
कोरोना के वर्तमान संकट में राज्य के अल्पसंख्यक माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मियों के लिए राहत की खबर है। राज्य सरकार ने उनके दिसंबर, जनवरी तथा फरवरी के वेतन की राशि 20 करोड़ रुपये शनिवार को जारी कर दी। यह राशि रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा पलामू जमशेदपुर, गोड्डा, धनबाद, साहिबगंज, चाईबासा तथा बोकारो जिले के लिए है। झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव यशवंत विजय ने इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक जटाशंकर चौधरी के प्रति आभार जताया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि यह राशि काफी कम है। खासकर रांची के शिक्षकों के वेतन का भुगतान पूरा नहीं हो पाएगा। उन्होंने शेष राशि के भी शीघ्र आवंटन की मांग की है।
मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देंगे कनीय पुलिस पदाधिकारी
कोरोना वायरस से बचाव व इसकी रोकथाम को लेकर झारखंड पुलिस के कनीय पदाधिकारी भी पूरी तरह संवेदनशील हैं। झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह व महामंत्री अक्षय कुमार राम ने डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखकर यह सहमति जताई है कि सभी कनीय पुलिस पदाधिकारी अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में देंगे। इसमें सहायक अवर निरीक्षक से लेकर पुलिस निरीक्षक संवर्ग व इसके समतुल्य कोटि के सशस्त्र पुलिस पदाधिकारी, गृह रक्षा वाहिनी के पदाधिकारी व अग्निशमन सेवा के पदाधिकारी भी शामिल हैं। एसोसिएशन ने डीजीपी से इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया है।
पुलिसकर्मियों के लिए भी 50 लाख रुपये के जीवन बीमा का आग्रह
झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही झारखंड पुलिस के कर्मियों को भी 50 लाख रुपये के जीवन बीमा का लाभ दिया जाए। एसोसिएशन ने पत्र में बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव व इसकी रोकथाम को लेकर राज्य के सभी पुलिसकर्मी अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। दिनरात सड़क पर उतरकर जनता की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे हैं। ड्यूटी के दौरान वे कभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। इससे उनके जान-माल की क्षति भी हो सकती है। इसलिए उन्हें भी 50 लाख रुपये के जीवन बीमा का लाभ दिया जाए।