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Coronavirus Attack: मौतों से लड़ने की इतनी सुस्‍त तैयारी, अभी वेंटिलेटर खरीदने का टेंडर कर रही सरकार

Coronavirus Update राज्य में भले ही अभी कोरोना का मरीज न मिला हो लेकिन भविष्य में मरीज मिलने पर इससे निपटने की तैयारियां अभी सुस्त ही हैं। अस्पतालों में वेंटिलेटर की भारी कमी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 08:56 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 02:38 PM (IST)
Coronavirus Attack: मौतों से लड़ने की इतनी सुस्‍त तैयारी, अभी वेंटिलेटर खरीदने का टेंडर कर रही सरकार

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में भले ही अभी कोरोना का मरीज न मिला हो, लेकिन भविष्य में मरीज मिलने पर इससे निपटने की तैयारियां अभी सुस्त ही हैं। स्थिति यह है कि राज्य के अस्पतालों में वेंटिलेटर की भारी कमी है। दूसरी तरफ अभी राज्य सरकार वेंटिलेटर, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) सहित अन्य जरूरी उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर ही कर रही है। जानकारी के अनुसार, वर्तमान स्थिति में ये सारे उपकरण झारखंड मेडिकल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन के माध्यम से नहीं खरीदे जाएंगे।

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राज्य सरकार ने इन उपकरणों के क्रय करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम), झारखंड को अधिकृत किया है। एनएचएम, झारखंड द्वारा ही इन उपकरणों की खरीद के लिए आकस्मिक टेंडर आमंत्रित किया गया है। अब यह देखना है कि वेंटिलेटर की आपूर्ति के लिए कोई कंपनी या एजेंसी आगे आती है या नहीं, क्योंकि पूरे देश में वेंटिलेटर की भारी कमी है। केंद्र सरकार ने भी 40 हजार वेंटिलेटर जुटाने का अनुरोध विभिन्न लोक उपक्रमों से किया है। राज्य सरकार ने भी केंद्र से वेंटिलेटर की मांग की है। 

छह फीसद मरीजों के लिए वेंटिलेटर जरूरी

चिकित्सकों के अनुसार करोना के 80 फीसद मरीज लक्षण के अनुसार दवा से ही ठीक हो जाते हैं। 20 फीसद को गहन इलाज की जरूरत होती है, जिनमें लगभग छह फीसद मरीज काफी गंभीर होते हैं और उनके लिए वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। 

भारत सरकार का लोक उपक्रम ही अभी कर रहा टेंडर

भारत सरकार का लोक उपक्रम एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ही वेंटिलेटर की आपूर्ति के लिए टेंडर कर रहा है। जानकारों का कहना है कि वर्तमान समय में वेंटिलेटर की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती होगी। 

ये उपकरण खरीदे जाएंगे

वेंटिलेटर, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, पोर्टेबल वेंटिलेटर, वेंटिलेटर फिल्टर, थर्मल गन आदि। 

इन दवाओं के लिए भी टेंडर

हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन, अजिथ्रोमाइसिन, ओसेलतामवीर, लोपिनावीर, रेटोनावीर आदि।

कोरोना से बचाव के उपाय बता रहे पीएलवी

कोरोना वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए राज्य सरकार व अन्य संस्थाएं मिलकर  काम कर रही है। गांव से लेकर प्रखंड स्तर तक पर अपनी पहुंच रखने वाले पीएलवी (पारा लीगल वॉलेंटियर) भी कोरोना से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं। झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के निर्देश पर राज्य के करीब 1200 पीएलवी ने अपना नंबर जारी किया है, ताकि अगर किसी को कोरोना से संबंधित जानकारियां लेनी हो या अन्य समस्या है, तो उनसे संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकता है। ये सभी पीएलवी जिला विधिक प्राधिकार सहित लीगल एड क्लिनिक में अपनी सेवा दे रहे हैं। सभी जिलों में एक हेल्प लाइन नंबर और पीएलवी का नंबर जारी किया गया है।

सभी जिलों के पीएलवी ने जारी किया नंबर

कोरोना वायरस से बचाव के बारे में लोगों को जानकारी देना इनकी प्राथमिकता है, ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जाए। दरअसल, झालसा की ओर से राज्य के 550 पीएलवी को स्मार्ट फोन दिया गया है। हालांकि सभी पीएलवी को घर से ही बैठ कर काम करने का निर्देश दिया गया है, ताकि लॉकडाउन के आदेश का भी पालन किया जा सके। घर में रहते हुए भी पीएलवी मोबाइल के जरिए लोगों को जागरूक व उनकी समस्याओं का निदान कर रहे हैं। इससे पहले झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एचसी मिश्र ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पीएलवी की सेवा लेने का प्रस्ताव दिया था।


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