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Coronavirus: झारखंड में तेजी से बढ़ रहा कोरोना... 13 दिनों में चार गुना बढ़ गए मरीज... एक संक्रमित की मौत

Jharkhand Coronavirus झारखंड में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। आलम यह है कि महज 13 दिनों के भीतर चार गुना से अधिक सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़ गई है। यही नहीं पिछले 28 दिनों के भीतर एक संक्रमित की मौत भी हो चुकी है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 12:24 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 12:25 PM (IST)
Coronavirus: झारखंड में तेजी से बढ़ रहा कोरोना... 13 दिनों में चार गुना बढ़ गए मरीज... एक संक्रमित की मौत

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यहां शनिवार को 53 नए संक्रमित की पहचान होने के बाद एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 220 हो गई। इस तरह 13 दिनों में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर चार गुना से अधिक हो गई। राज्य में 12 जून को ऐसे संक्रमित की संख्या 52 ही थी।

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इन जिलों में बढ़ रहे मरीज, जमशेदपुर में मौत

शनिवार को सबसे अधिक देवघर में 20, रांची में 16, पूर्वी सिंहभूम में 10, हजारीबाग में चार, पलामू, गुमला व धनबाद में एक-एक संक्रमित की पहचान हुई। वहीं, जमशेदपुर में एक मरीज की मौत हो गई। हालांकि उक्त मरीज कई अन्य बीमारियों से भी ग्रसित था। राज्य में 28 दिनों के बाद किसी कोरोना मरीज की मौत हुई है। जिलों की बात करें तो राज्य में रांची, पूर्वी सिंहभूम और देवघर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रांची में तो एक्टिव केस की संख्या एक सौ पहुंच चुकी है। इसके बाद देवघर में 45 तथा पूर्वी सिंहभूम में 31, बोकारो में आठ मरीज वर्तमान में संक्रमित हैं। बाकी जिलों में या तो कोई एक्टिव केस नहीं है, या ऐसे संक्रमित की संख्या एक या दो है।

टीकाकरण में तेजी लाने का सुझाव

जानकार कोरोना के खतरे को कम करने के लिए टीकाकरण में तेजी लाने का सुझाव दे रहे हैं। केंद्र ने भी राज्य सरकार के पदाधिकारियों को इसे लेकर निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद झारखंड में कोरोना टीकाकरण में पीछे चल रहा है। स्थिति यह है कि यहां 12 से 14 वर्ष के बच्चों में अभी तक 51 प्रतिशत को ही अभी तक पहली और 20 प्रतिशत को दूसरी डोज लग सकी है। 15-17 वर्ष के किशोरों की बात करें तो अभी तक 61 प्रतिशत को पहली तथा 36 प्रतिशत को दोनों डोज का टीका लग सका है। 60 वर्ष से अधिक नागरिकों के बूस्टर डोज लेने की स्थिति काफी खराब है। इस आयु वर्ग के नागरिकों में अभी तक महज पांच प्रतिशत नागरिक बूस्टर डोज ले सके हैं।


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