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Coronavirus Fear: किसी को कोरोना होने का, तो किसी को नौकरी जाने का डर; बच्चे हो रहे चिड़चिड़े

Coronavirus Fear रांची की एक महिला कोरोना के डर से सब्जी एवं अन्य खाद्यान्न घर लाने के बाद उसे घंटों धूप में सुखाती है। क्‍योंकि एक दिन गलती से सब्जी रात में छत पर छूट गई।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 09:16 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 12:14 PM (IST)
Coronavirus Fear: किसी को कोरोना होने का, तो किसी को नौकरी जाने का डर; बच्चे हो रहे चिड़चिड़े
Coronavirus Fear: किसी को कोरोना होने का, तो किसी को नौकरी जाने का डर; बच्चे हो रहे चिड़चिड़े

रांची, राज्य ब्यूरो। Coronavirus Fear रांची की एक महिला कोरोना के डर से सब्जी एवं अन्य खाद्यान्न घर लाने के बाद उसे घंटों धूप में सुखाती है। एक दिन गलती से सब्जी रात में छत पर छूट गई और पूरे परिवार ने उसे खा भी लिया। अब उस महिला को यह भय सता रहा है कि कहीं रात में चमगादड़ ने सब्जी को जूठा कर दिया हो तो पूरे परिवार को कोरोना हो जाएगा। जमशेदपुर के सनातन (बदला हुआ नाम) को यह चिंता सता रही है कि लगातार काम बंद रहने से उसकी नौकरी तो नहीं छूट जाएगी।

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कोरोना के वर्तमान संकट और लॉकडाउन की स्थिति में चिंता और डर के कारण लोग परेशान हैं। उनके अवसाद में जाने का भी खतरा है। लोगों में कोरोना को लेकर भ्रम भी है। एसोसिएशन ऑफ साइकेट्रिक सोशल वर्क प्रोफेशनल द्वारा संचालित हेल्पलाइन नंबर पर लगातार ऐसे लोगों के फोन आ रहे हैं। कई लोग अपने बच्चों के लगातार घर में रहने के कारण उनके चिड़चिड़े होने की शिकायत करते हुए इसका समाधान भी मनोरोग चिकित्सकों से पूछ रहे हैं। माइनिंग सरदार के रूप में काम करनेवाले एक व्यक्ति को यह डर है कि खनन क्षेत्र में डस्ट होने से भी उन्हें कोरोना न हो जाए। 

रचानत्मक कार्यों में व्यस्त रहें

एसोसिएशन की झारखंड प्रभारी तथा रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो फिजिशियन एंड एलायड साइंसेज (रिनपास) की चिकित्सक डॉक्टर मनीषा किरण कहती हैं कि कई लोगों को यह चिंता और डर जानकारी के अभाव में भी है। उनके अनुसार, लॉकडाउन लागू होने के कारण लोगों का रूटीन बदल गया है। उन्हें घरों में रहना पड़ रहा है। अब नए सेटअप में अपने आपको ढालना उनके समक्ष बड़ी चुनौती है। ऐसे में वर्तमान परिस्थितियों में ही अपने आपको ढालकर, अपने को लगातार रचनात्मक कार्यों में व्यस्त रखकर, आपस में अधिक से अधिक बातचीत कर लोग इस स्थिति से बच सकते हैं। 

कोरोना के डर को लेकर ज्यादातर कॉल

डॉक्टर मनीषा के अनुसार, अभी जो कॉल आ रहे हैं उनमें अधिसंख्य कॉल कोरोना के डर को लेकर ही है। ऐसे में लोगों को सही जानकारी देकर उनमें इस डर और भ्रम की समस्या को दूर करने की आवश्यकता है। डॉक्टर मनीषा बताती हैं कि प्रत्येक दिन उनके पास 10 से 12 फोन आ रहे हैं। इसी तरह चार अन्य चिकित्सकों को भी लोग कॉल कर अपनी समस्याओं का निदान ढूंढ रहे हैं। 

उड़ी नींद, डिप्रेशन भी

इधर, केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान (सीआइपी) द्वारा संचालित हेल्पलाइन नंबर पर भी लगातार फोन आ रहे हैं। वहां तैनात चिकित्सक ने बताया कि प्रत्येक दिन लगभग 150 कॉल उनके पास आ रहे हैं। अधिसंख्य लोगों की चिंता होती है कि कोरोना से कैसे निपटा जाए। कई लोगों ने इस चिंता में रात में सो नहीं पाने तथा डिप्रेशन में होने की शिकायतें की हैं। उनके अनुसार, सावधानी बरतने, पैनिक नहीं होने, लगातार अभ्यास करने, मेडिटेशन आदि से इस समस्या का समाधान हो सकता है। 

इन नंबरों पर कर सकते हैं फोन

  1. डॉ मनीषा किरण - 94311 76281
  2. विकास कुमार - 99314 35024 अभिजीत सिंह - 98357 33008
  3. शाहिद इकबाल -  8294 239 864
  4. जस्टिनराज पीसी - 70121 22510

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