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Corona Sahayata App: झारखंड ने बाहर फंसे मजदूरों को दिखाया ठेंगा, 61 विधायकों ने खाते में नहीं भेजे पैसे LIST

Corona Sahayata App महज 19 विधायकों ने ही बाहर फंसे लोगों के लिए पैसा भेजने की अनुशंसा करने की जहमत उठाई है। यानी 61 विधायकों ने मजदूरों के खाते में पैसा भेजने की जहमत तक नहीं उठाई

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 08:05 AM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 08:05 PM (IST)
Corona Sahayata App: झारखंड ने बाहर फंसे मजदूरों को दिखाया ठेंगा, 61 विधायकों ने खाते में नहीं भेजे पैसे LIST
Corona Sahayata App: झारखंड ने बाहर फंसे मजदूरों को दिखाया ठेंगा, 61 विधायकों ने खाते में नहीं भेजे पैसे LIST

खास बातें Corona Sahayata App Jharkhand

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  1. 80 में महज 19 विधायकों ने ही बांटा मजदूरों का दर्द
  2. दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के नाम पर खूब हुई राजनीति लेकिन हुआ कुछ नहीं
  3. मदद के लिए अनुशंसा तक करने की जहमत नहीं उठाई 61 माननीयों ने
  4. सरकार ने विधायकों को 25 लाख तक बांटने का दिया है अधिकार
  5. पहले से किसी योजना का लाभ ले रहे लोगों को राशि नहीं देने का निर्देश भी शिथिल

इन विधायकों ने ही की अनुशंसा : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल, रांची विधायक सीपी सिंह, गोड्डा विधायक अमित मंडल, महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह, पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव, डॉ. इरफान अंसारी, सत्यानंद भोक्ता, किशन कुमार दास, हाजी हुसैन अंसारी, विधायक रणधीर सिंह, नारायण दास, बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम, दशरथ गगराई, भूषण बाड़ा, बिरंची नारायण, लंबोदर महतो, राजेंद्र प्रसाद सिंह। 

रांची, राज्य ब्यूरो। Corona Sahayata App कोरोना वायरस के संक्रमण का काल चल रहा है। माहौल संजीदा है लेकिन इस माहौल में भी झारखंड में सियासी हलचल तेज है। मौका या दस्तूर पर दलीय एजेंडे भारी दिखते हैं। जरूतरमंदों को राहत मुहैया कराने के मामले में पक्ष-विपक्ष में सिर्फ बयानों के तीर चल रहे हैं। राहत पर सियासत अब चरम पर पहुंच गई है। मसला चाहे छात्रों और मजदूरों को अन्य राज्य से वापस लाने का हो हो या विशेष सहायता एप के जरिए विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिकों को सहायता राशि मुहैया कराने का, पक्ष-विपक्ष में वार-पलटवार जारी है। राहत पर सियासत कितनी संजीदगी से हो रही है, यह विधायक निधि की राशि से दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों की मदद को जरा करीब से खंगालने पर स्पष्ट हो जाता है। आंकड़े चौकाने वाले हैं, राज्य के महज 19 विधायकों ने ही बाहर फंसे लोगों के लिए पैसा भेजने की अनुशंसा करने की जहमत उठाई है। यानी 61 विधायकों ने मजदूरों के खाते में पैसा भेजने की जहमत तक नहीं उठाई। 

इस बीच, विधायक मद से राशि जारी करने को लेकर विभागीय अड़चन को दूर कर दिया गया है। पहले सरकार का निर्देश था कि ऐसे लोगों को लाभ नहीं दिया जा सकता जिन्हें किसी अन्य माध्यम से लाभ दिया जा रहा हो। ऐसे में पता लगाने की कोई व्यवस्था नहीं थी कि किसे किस तरह से मदद मिल रही है। बाहर फंसे लोगों में कई ऐसे हैं जिन्हें पेंशन योजना का भी लाभ मिल रहा है और मुख्यमंत्री सहायता एप पर रजिस्टर्ड हो गए हैं। ऐसे में जिलों में उप विकास आयुक्तों को समझ में नहीं आ रहा था कि राशि कैसे दी जाए। वित्त विभाग ने संशोधित आदेश जारी कर अड़चन को दूर कर दिया है।

मुख्यमंत्री की ओर से अनुशंसा जारी : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह क्षेत्र बरहेट अंतर्गत सुंदरपहाड़ी प्रखंड के प्रवासी मजदूरों की सूची सीएम के आप्त सचिव ने जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दिया है। बोरियो विस क्षेत्र के ललमटिया और बोआरीजोर के मजदूरों की सूची बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम की ओर से अबतक नहीं सौंपी गई है।


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