Heat Wave: यहां शेर-बाघ ले रहे कूलर का मजा, बंदर-भालू पी रहे ग्लूकोज
Birsa Biological Park. प्रचंड गर्मी का असर जानवरों पर भी दिख रहा है। बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में भी जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए उद्यान प्रशासन की ओर से विशेष तैयारी की गई है।
ओरमांझी, [आमोद साहू]। मई माह में तापमान बढऩे से आम से लेकर खास तक परेशान है। दिन में 10 बजे के बाद ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है। प्रचंड गर्मी का असर जानवरों पर भी दिख रहा है। बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में भी जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए उद्यान प्रशासन की ओर से विशेष तैयारी की गई है।
उद्यान में बाघ, शेर और तेंदुआ को गर्मी न लगे, इसके लिए पिंजरा के बाहर कूलर लगाया गया है। पिंजरे को चारों ओर चट से घेरकर ठंडक पहुंचाया जा रहा है। वहीं उनके मांसाहारी आहार को कम कर तरल पदार्थ दिए जा रहे हैं। उद्यान के तालाब भर दिए गए हैं। यहां हाथी, हिप्पो व भालू अठखेलियां कर आनंद उठा रहे हैं।
हिरण, बारहसिंगा, बंदर को खाने में तरबूज, खीरा के साथ मल्टी विटामिन व ग्लूकोज दिए जा रहे हैं। गर्मी में उद्यान के जानवरों को पानी की कमी व डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए भी कई तरह के उपाय किए गए हैं। पशुओं के साथ-साथ पक्षियों के लिए फौव्वारे का इंतजाम किया गया है। सांपों को पंखे से ठंडक पहुंचाया जा रहा है।
गर्मी को देखते हुए पशुओं पर रखी जा रही विशेष नजर
जैविक उद्यान के पशुओं को बढ़ती गर्मी से बचाने के लिए उद्यान प्रशासन के साथ यहां के कर्मी विशेष ध्यान रख रहे हैं। उद्यान के सभी रेंजर, दिन में 2-3 बार पशुओं के पिंजरों का निरीक्षण कर रहे हैं। उद्यान के कर्मियों को दिशा-निर्देश देकर विशेष ध्यान रखने के लिए कहा जा रहा है।
आहार किया गया कम, तरल पदार्थ से हो रही है पूर्ति
बाघ, तेंदुआ व अन्य मांसाहारी पशुओं का आहार कम कर उनके भोजन की पूर्ति तरल पदार्थों से की जा रही है। उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि मौसम के अनुसार जू के पशुओं का भोजन बदलना भी जरूरी हो जाता है। इसलिए आहार कम कर उन्हें मल्टी विटामिन दिया जा रहा है। ग्लूकोज व अन्य विटामिन पदार्थ दिए जा रहे हैं।
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