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Caste Census: झारखंड में भी जातिगत जनगणना की मांग, विधानसभा में विधेयक लाने की वकालत

Caste Census Jharkhand News कांग्रेस राजद और आजसू ने मानसून सत्र में विधेयक पारित कराने की वकालत की है। बता दें कि भारत सरकार द्वारा संसद के मानसून सत्र में लिखित रूप से यह बताया गया है कि जनगणना जाति आधारित नहीं होगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 09:20 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 09:23 PM (IST)
Caste Census: झारखंड में भी जातिगत जनगणना की मांग, विधानसभा में विधेयक लाने की वकालत
Caste Census, Jharkhand News कांग्रेस, राजद और आजसू ने मानसून सत्र में विधेयक पारित कराने की वकालत की है।

रांची, राज्य ब्यूरो। देशभर में जातिगत जनगणना की तेज होती मांग के बीच झारखंड में भी राजनीतिक सरगर्मी बढ़ रही है। झारखंड में जातिगत जनगणना की मांग जोर पकड़ रही है। सत्तारूढ़ गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाते हुए राज्य सरकार से मांग की है कि केंद्र ने देशव्यापी जातिगत जनगणना से मना कर दिया है तो राज्य सरकार प्रदेश में जातिगत जनगणना कराए। उधर, राजद ने सुझाव दिया है कि सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में जातिगत जनगणना के लेकर विधेयक पारित कराए। विपक्षी खेमे से आजसू भी इसकी पक्षधर है।

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अपने संसाधन से जातिगत जनगणना कराए झारखंड : कांग्रेस

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डाॅ. राकेश किरण महतो ने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर राज्य में जातिगत जनगणना करवाने का अनुरोध किया है। महतो ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में लिखा है कि भारत सरकार द्वारा प्रत्येक 10 वर्ष में जनगणना करवाए जाने का प्रावधान है। इसके माध्यम से देश के नागरिकों के विकास हेतु नीति निर्धारण किया जाता है। केंद्र की पूर्व यूपीए सरकार द्वारा वर्ष 2011 में पहली बार देश के सभी राज्यों में सघन रूप से नागरिकों का सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना करवाई गई।

लेकिन, केंद्र की वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा इस जनगणना के जातिगत आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया गया, जो अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी वर्ष जनगणना प्रस्तावित है, लेकिन भारत सरकार द्वारा संसद के मानसून सत्र में लिखित रूप से यह बताया गया है कि जनगणना जाति आधारित नहीं होगी। इससे पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य कमजोर वर्ग के लोगों की वास्तविक संख्या का सही आकलन नहीं हो सकेगा। ऐसे में उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य सरकार अपने संसाधन से जातिगत जनगणना कराए।

विधानसभा के मानसून सत्र में लाएं विधेयक : राजद

झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दल राजद ने जातिगत जनगणना की वकालत की है। राजद के वरीय नेता और पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड की सामाजिक संरचना आरक्षण के अनुकूल है। राष्ट्रीय जनता दल का स्पष्ट मानना है कि अति पिछड़ों के आरक्षण पर आधारित जनगणना हो। इससे वंचित तबके का स्तर बेहतर करने के साथ-साथ सामाजिक उत्थान में मदद मिलेगी। उन्होंने राज्य सरकार को सुझाव दिया कि जातिगत जनगणना के पक्ष में विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक पारित कराया जाए।

होना चाहिए जातिगत जनगणना : आजसू

आजसू पार्टी ने भी जातिगत जनगणना की वकालत की है। मुख्य प्रवक्ता डाॅ. देवशरण भगत ने कहा कि आजसू पहले से ही जातिगत जनगणना की मांग करती रही है। इससे पता चलेगा कि झारखंड में कौन सी जाति घट रही है और कौन बढ़ रही है। जातिगत जनगणना होना ही चाहिए।


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