Move to Jagran APP

झारखंड में कांग्रेस कंफ्यूज, किसे गले लगाए-किसे बाहर रखे; पढ़ें यह खास खबर

Jharkhand Congress Political Updates झारखंड में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है और सत्ता का साथ किसे अच्छा नहीं लगता। यही वजह है कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बेहतर राजनीतिक भविष्य की तलाश में कांग्रेस से कई कद्दावर नेताओं ने कुट्टी कर ली।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 04:58 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 09:35 AM (IST)
Jharkhand Congress, Political Updates कांग्रेस छोड़ चुके कई नेता अब दोबारा पार्टी में आ गए हैं।

रांची, [प्रदीप सिंह]। 2019 में विधानसभा चुनाव के पहले झारखंड में कांग्रेस को टा-टा करने वाले नेताओं की कतार लगी थी। कद्दावर कांग्रेसियों में शुमार प्रदीप कुमार बलमुचू और सुखदेव भगत ने अलग राह पकड़ी। एकीकृत बिहार में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सरफराज अहमद ने भी पार्टी छोड़ दी। सरफराज अहमद झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए और विधानसभा चुनाव में जीत भी हासिल की, लेकिन प्रदीप कुमार बलमुचू और सुखदेव भगत का साथ किस्मत ने नहीं दिया। बलमुचू आजसू पार्टी से जुड़े, लेकिन विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए।

loksabha election banner

उधर सुखदेव भगत को भाजपा में एंट्री मिली, लेकिन उन्हें मतदाताओं ने नकार दिया। वक्त के साथ दोनों को एक बार फिर पुराने दल की याद सताने लगी तो पार्टी में शामिल होने के लिए इन्होंने अर्जी बढ़ाई। बलमुचू की वापसी पर कोई विवाद नहीं है, लेकिन सुखदेव भगत को लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस जरा कंफ्यूज है। हालांकि बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है, लेकिन झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव नहीं चाहते कि सुखदेव भगत पार्टी में वापस लौटें।

इसकी वजह भी स्पष्ट है। दोनों नेताओं का विधानसभा क्षेत्र लोहरदगा है। ऐसे में सुखदेव भगत की एंट्री से डाॅ. रामेश्वर उरांव को चुनौती मिलेगी जो अपना राजनीतिक उत्तराधिकार अपने पुत्र को सौंपना चाहते हैं। राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू से भी सुखदेव भगत की बनती नहीं है। उनका भी दबाव है कि सुखदेव भगत की कांग्रेस में वापसी न हो। दो कद्दावर नेताओं की नापसंद होने के कारण सुखदेव भगत की कांग्रेस में फिर से एंट्री पर सस्पेंस बना हुआ है।

कैबिनेट विस्तार पर भी कशमकश

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने कैबिनेट में विस्तार कर सकते हैं। इसे लेकर अटकलें चरम पर है। भितरखाने इसके लिए लाॅबिंग भी हो रही है। कोरोना की वजह से अबतक अपने विधानसभा क्षेत्रों में जमे विधायकों ने राजधानी रांची में डेरा डाल रखा है। ये अलग-अलग समूह में दिल्ली के लिए कूच करने की तैयारी में भी हैं। यह भी कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस कोटे से हेमंत सोरेन सरकार में शामिल दो मंत्रियों के स्थान पर नए चेहरे को मौका दिया जाए। जल्द ही इस पर स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.