एनोस एक्का जेल से प्रभावित कर रहे कोलेबिरा उपचुनाव, कांग्रेस ने आयोग को सौंपा ज्ञापन
Congress. कांग्रेस ने एनोस एक्का को राज्य के बाहर किसी दूसरे जेल में शिफ्ट करने की मांग राज्य निर्वाचन आयोग से की है।
रांची, राज्य ब्यूरो। आगामी 20 दिसंबर को होने वाले कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव को लेकर सभी दलों ने पूरी तैयारी कर रखी है। इस बीच सोमवार को कांग्रेस ने पूर्व विधायक आैर वर्तमान में जेल में बंद एनोस एक्का पर चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने मुख्य चुनाव पदाधिकारी एल ख्यांगते को ज्ञापन सौंप कर एनोस एक्का की शिकायत की है। एनोस पर जेल से चुनाव को प्रभावित करने और मतदाताओं को धमकाने का आरोप कांग्रेस ने लगाया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा एनोस एक्का को सपोर्ट कर ही है। ऐसे में एनोस एक्का को चुनाव आयोग किसी दूसरे प्रदेश की जेल में भेजे। राज्य निर्वाचन आयोग को ज्ञापन देने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर, लाल किशोरनाथ शाहदेव, आलोक दुबे और राजीव रंजन शामिल रहे।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने बताया कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय के नेतृत्व में मुख्य चुनाव आयुक्त एल ख्यांगते से मिलकर कोलीबेरा चुनाव को निष्पक्ष एवं भयमुक्त कराने का अनुरोध किया।
चुनाव आयोग को दिए गए पत्र में कहा गया कि कोलेबिरा उपचुनाव को प्रभावित करने की शिकायतें बड़ी तादाद में मिल रही है। इस उपचुनाव में झापा प्रत्याशी श्रीमती मेनन एक्का के पति पूर्व विधायक जो पारा शिक्षक के हत्या के मामले में सजायाफ्ता कैदी के रूप में जेल में बंद हैं, उनके द्वारा इस उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए लोगों को मोबाइल से फोन कर धमकी भरे लहजे में बहु-भाभी को ही वोट देने की बात कहे जाने की शिकायत हमारे कार्यकर्ताओं एवं जनसंपर्क के दौरान स्थानीय जनता के द्वारा हमारे प्रतिनिधियों से किये जाने पर कांग्रेस पार्टी ने इस संवेदनशील विषय को आपके संज्ञान में लाना श्रेयष्कर समझा।
एक तरफ हमारे स्थानीय नेता पूर्व विधायक नियल तिर्की जो चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तार कर लिए जाते हैं और जब हमारे प्रदेश प्रभारी पूर्व केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री आरपीएन सिंह एवं प्रदेश अध्यक्ष डाॅ अजय कुमार सरीखे वरीय नेता सिमडेगा जेल में उनसे मिलने पहुंचते हैं तो उन्हें जेल मैन्युअल एवं नियमों का हवाला देते हुए मिलने से रोक दिया गया कि समय ज्यादा हो चुका है, सप्ताह में सिर्फ 3 लोगों के ही मिलने का प्रावधान है।
अलग अलग लोगों के लिए कानून की व्याख्या अलग कैसे हो सकती है? जेल मैन्युअल का अनुपालन सभी जेल में समान रूप से होनी चाहिए, फिर यह कैसे संभव हो रहा है कि उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए जेल से मोबाइल पर फोन आना लोगों को जेल में मुलाकात करने के लिए बुलाया जाना राज्य सरकार की कार्यशैली की पोल खोलता है।
सुबोध कांत सहाय ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है, हम मांग करते है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच हो जो लोग भी इस मामले में सहयोगी हैं उनके ऊपर भारतीय दंड विधान के तहत कारवाई की जाए एवं कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव भयमुक्त वातावरण में हो, इसके लिए चुनाव अवधि तक संबद्ध व्यक्ति को राज्य से बाहर किसी जेल में स्थानांतरित किया जाए। मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा की चुनाव आयोग अविलंब हमारे पत्र का संज्ञान लेते हुए संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दे ताकि निष्पक्ष एवं भय मुक्त चुनाव संपन्न हो सके।