झारखंड में अफसरों के तबादलों पर कांग्रेस ने कसा तंज..
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि झारखंड में तबादला उद्योग फल-फूल रहा है।
रांची, राब्यू। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने झारखंड में हो रहे तबादलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि झारखंड में अगर किसी एक उद्योग की स्थापना हुई तो वह है तबादला उद्योग। पिछले 15 दिनों में कुल 372 तबादले किए जा चुके हैं।
इन अफसरों के तबादले में एक करोड़ से अधिक ट्रासफर एलाउंस के नाम पर खर्च हुआ। इसमें से अधिकाश अफसरों को छह महीने से साल भर के अंदर ही एक जगह से दूसरे जगह भेज दिया गया। ठाकुर ने कहा की हमें यह समझ में नहीं आता कि मुख्यमंत्री उद्योग स्थापना के बारे में जानकारी लेने चीन जा रहे हैं या तबादला उद्योग के बारे में जानकारी देने। जिस तरह से तबादले का उद्योग उन्होंने पिछले दिनों सफल तरीके से चलाया है निश्चित रूप से उन्हें चीन जाकर इस उद्योग के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
हड्डीतोड़, मालिशजोड़ सड़क बन गया एनएच : प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने रविवार को जमशेदपुर में कहा कि घोटालों के कारण एनएच-33 नहीं बन पा रहा है। मुख्यमंत्री जमशेदपुर में गोलगप्पे खाते हुए फोटो खिंचवा रहे हैं। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि एनएच पर चलें और तमाड़, चौका में गोलगप्पे खाकर दिखाएं।
एनएच-33 आज की तारीख में दुनिया की सबसे बड़ी हड्डीतोड़, मालिशजोड़ वाली सड़क बन गई है। कांग्रेस बहुत जल्द इस सड़क को लेकर पोस्टर कैंपेन चलाएगी। एनएच-33 के निर्माण में महाघोटाला हुआ और इसका निर्माण आज तक पूरा नहीं हो सका।
उच्च न्यायालय ने भी कई अवसरों पर टिप्पणी की। लेकिन दुर्भाग्य है कि घोटालेबाज सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
डॉ. अजय रविवार को सर्किट हाउस एरिया स्थित आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भूख से हुई मौत के कारण झारखंड पूरे देश में शर्मशार हुआ। पिछले 10 महीनों की सुर्खियों में आई खबरों के मुताबिक झारखंड में भूख से 10 लोगों मौत हुई है। जबकि ऐसी और कितनी मौतें हुई हैं इसका लेखा-जोखा सरकार के पास नहीं है।
झारखंड में हुए घोटाले : डॉ. अजय कुमार ने कहा कि झारखंड में इन दिनों लगातार घोटाले की खबर सुर्खियों में हैं। मोमेंटम झारखंड, स्किल डेवलपमेंट के बाद अब कंबल घोटाला और टैब घोटाला सुर्खियों में है। उन्होंने कहा कि देश और विदेश के बाजारों में झारखंड के सिल्क और हस्तशिल्प उत्पादों को स्थान दिलाने के लिए बनी संस्था झारक्राफ्ट इन दिनों सुर्खियों में है।
सुर्खियों की वजह कंबल घोटाला है। इसको लेकर संस्था की सीईओ रेणु गोपीनाथ पणिक्कर पद से इस्तीफा दे चुकी हैं। एजी की रिपोर्ट में कंबल वितरण में बड़ी अनियमितता दिखाई गई।