रांची में व्यवसायिक इमारतों के नहीं हैं नक्शे़, 725 इमारतों को जारी हो चुका है नोटिस
लोगों ने बिना नक्शा पास कराए ही व्यवसायिक इमारतों का निर्माण कर लिया है। यही नहीं नियमानुसार इमारतों के बेसमेंट या ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग बननी चाहिए। लेकिन बिल्डरों ने पार्किंग की जगह यहां दुकानें बना दी हैं। इस तरह पार्किंग की जगह का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है।
रांची (जासं) राजधानी में कई व्यवसायिक इमारतों के भी नक्शे पास नहीं हुए हैं। रांची नगर निगम पहले ही 725 व्यवसायिक इमारतों को नोटिस जारी कर चुका है। जबकि, अवैध व्यवसायिक इमारतों की संख्या इससे भी कहीं अधिक है।
लोगों ने बिना नक्शा पास कराए ही व्यवसायिक इमारतों का निर्माण कर लिया है। यही नहीं, नियमानुसार इमारतों के बेसमेंट या ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग बननी चाहिए। लेकिन बिल्डरों ने पार्किंग की जगह यहां दुकानें बना दी हैं। इस तरह पार्किंग की जगह का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। रांची नगर निगम ने कई बार ऐसी इमारतों को नोटिस जारी की गई है। लेकिन अब तक किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। रांची कोर्ट के अधिवक्ता सुरेश मुर्मू का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में इमारतों पर एक साथ कार्रवाई होना असंभव सा है। इसी वजह से अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए नगर विकास विभाग को चाहिए कि इन व्यवसायिक इमारतों को भी नियमित कर दें।
हर साल जारी होती है नोटिसः नगर निगम राजधानी की अवैध व्यवसायिक इमारतों को हर साल नोटिस जारी करती है। लोगों का कहना है कि जब भी हाईकोर्ट में मामला उठता है। तब रांची नगर निगम नोटिस जारी कर देता है। ऐसा हर साल होता है। मामला ठंडा होने पर लोग सब कुछ भूल जाते हैं। अधिवक्ता मो. शरीफ कहते हैं कि इस तरह हर साल नोटिस भेज कर कार्रवाई की धमकी देने से तो अच्छा है कि इन्हें नियमित कर दिया जाए।
जुर्माने के साथ ही बिल्डरों से बनवाई जा सकती है पार्किंगः रेलवे के लैंड विभाग के रिटायर्ड अधिकारी इनायतुल्लाह कहते हैं कि जिन इमारतों को में पार्किंग नहीं है, उसमें बिल्डर से जुर्माना लेकर शहर में ही आसपास खाली जमीन पर पार्किंग भी बनवाई जा सकती है। पिछली बार जब राज्य सरकार ने इमारतों के नियमित करने की जो नियमावली बनाई थी, उसके तहत यह प्रावधान रखा गया था कि जिन व्यवसायिक इमारतों को नियमित किया जाएगा। उनके मालिकों से जुर्माना के साथ ही उतने ही क्षेत्रफल की पार्किंग बनवाई जाएगी। कितने क्षेत्रफल में उनकी इमारत है। वह कहीं भी जमीन खरीद कर वहां पार्किंग का निर्माण करेंगे। लेकिन योजना में सख्त नियम कानून होने की वजह से व्यवसायिक इमारतें नहीं हो सकी है। इस वजह से पार्किंग की समस्या भी हल नहीं हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर व्यवसायिक इमारतों को नियमित कर उनसे उनके खर्चे पर शहर में पार्किंग का निर्माण कराया जाए तो इससे शहर की यातायात व्यवस्था भी ठीक हो जाएगी और पार्किंग की समस्या भी हल हो जाएगी।
सरकार जनता को दे राहतः नगर विकास विभाग के सेवानिवृत्त कार्यपालक अभियंता इरशाद अहमद बताते हैं कि अवैध इमारतों को नियमित करने का यह सही समय है। सरकार को चाहिए कि वो नियमावली बना कर बिना नक्शा के बनाई गई इमारतों को नियमित कर दे। अगर, इमारतें नियमित नहीं हुईं तो सरकार का सरदर्द बना रहेगा। व्यवसायिक इमारतों के नियमित होने से सरकार को राजस्व तो मिलेगा ही साथ ही पार्किंग की समस्या भी समाप्त होगी। इसलिए, सरकार व्यवसायिक इमारतों के नियमित होने की तरफ ध्यान दे।