कोल इंडिया के चैयरमैन ने कहा, कंपनी से अलग न हो सीएमपीडीआइ
कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कोयला सचिव को पत्र लिखा है। कहा है कि सीएमपीडीआइ को इससे अलग नहीं करें।
जागरण संवाददाता, राची : कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कोयला सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में सीएमपीडीआइ को कोल इंडिया से अलग करने के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए दोनों को एक दूसरे से अलग न करने की बात कही गयी है। पत्र में माना गया है कि दोनों कंपनी एक दूसरे पर आश्रित हैं। दोनों के काम इतने इंटरलिंक हैं कि अलग करने पर कार्यशैली पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। प्रमोद अग्रवाल ने साफ कहा है कि दोनों कंपनी को एक दूसरे की जरूरत है। हालाकि कंपनी को कोल इंडिया से अलग करने का आखरी फैसला अभी भी केंद्र सरकार के द्वारा ही किया जाना है।
पाच सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट को बनाया आधार
प्रमोद अग्रवाल ने जिस कमेटी की रिपोर्ट को आधार बनाकर कोल सचिव को पत्र लिखा है उससे कोल इंडिया को सीएमपीडीआइ से अलग करने की समीक्षा करनी थी। इस कमेटी का गठन कोल इंडिया के द्वारा किया गया था जिसमें पाच सदस्य थे। पत्र के मुताबिक कमेटी के लिए कुछ नियम और शतर्ें भी तय की गयी थी। पत्र के अनुसार कोल इंडिया के जीएम पर्यावरण टीके मुखर्जी, सीएमपीडीआइ सीएमडी के तकनीकि सचिव टीएम दूबे, कोल इंडिया के कोल विदेश डिवीजन के सीएम सागर सेन, चेयरमैन सचिवालय के सीएम(सीपी) रथिन मित्रा, कोल इंडिया के प्रबंधक (वित्त) अनिरुद्ध पाल शामिल थे। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 25 मई को जमा कर दिया था। यूनियन आज करेंगे नारेबाजी :
कोल ब्लॉक का निजीकरण और सीएमपीडीआइ को कोल इंडिया से अलग करने के खिलाफ सभी कोयला मजदूर यूनियन एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं। इसके लिए सीसीएल मुख्यालय दरभंगा हाउस में सीटू कार्यालय में यूनियनों की बुधवार को बैठक हुई। बैठक के बाद प्रेसवार्ता में सीटू के राष्ट्रीय सचिव डीडी रामानंदन के कहा कि कोयला मजदूर केंद्र सरकार की नीति का खुलकर विरोध करेंगे। इसके लिए एक वृह्द कार्ययोजना बनाई गयी है। इसके तहत गुरुवार को सभी मजदूर और कर्मचारी अपने कार्यलय के बाहर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए प्रदर्शन और नारेबाजी करेंगे। इसके साथ ही सभी कोल कर्मचारी कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ सहित अन्य पाच माग को लेकर दो से चार जुलाई तक हड़ताल पर रहेंगे।