सीएम रघुवर दास ने एनडी तिवारी को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी को श्रद्धांजलि दी।
रांची, जेएनएन। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे एवं परिजनों को इस दुख की घड़ी में शक्ति दे।
यूपी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का 93 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया है। बीते दिनों से वे राजधानी दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती थे। ब्रेन स्ट्रोक के कारण नारायण दत्त तिवारी को 20 सितंबर 2017 को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया था।
एनडी तिवारी देश के इकलौते ऐसे नेता हैं, जो दो राज्यों, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं। कांग्रेस की कई सरकारों में वह केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कैबिनेट में विदेश मंत्री रहे। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर भी वह सेवा दे चुके हैं।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, और आंध्र प्रदेश में व्यक्तिगत जिंदगी से जुड़े सनसनीखेज किस्सों के चलते वह चर्चित रहे। एनडी तिवारी साल 2009 में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल थे। एक दिन टीवी पर उनकी एक कथित सेक्स सीडी सामने आई, जिसने पूरे देश की राजनीति में भूचाल ला दिया। उस सीडी में एनडी तिवारी तीन महिलाओं संग आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे थे। वीडियो को तेलुगू चैनल ने प्रसारित किया था। इसके बाद एनडी तिवारी को राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर वापस लौटना पड़ा। सीडी कांड को उन्होंने अपने खिलाफ विरोधियों की साजिश बताया था। इसके बाद से ही तिवारी का राजनीतिक करियर खत्म हो गया था।
मई 2014 में यूपी की राजधानी लखनऊ में तिवारी ने रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा से शादी की। तब उनकी उम्र करीब 89 साल थी। इस हक के लिए उज्ज्वला शर्मा और उनके बेटे रोहित को एक लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। एनडी तिवारी अपने सफल राजनीतिक जीवन में राज्यसभा, लोकसभा सांसद रहने के साथ-साथ चार बार यूपी के मुख्यमंत्री और एक बार उत्तराखंद के मुख्यमंत्री व आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं।
तिवारी संभवतः देश के इकलौते बड़े नेता हैं, जो भारत के गणराज्य बनने के समय से राजनीति में सक्रिय थे। वह देश के आजाद होने के समय इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष थे। 1990 के दशक में वह प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन तब पीवी नरसिम्हा राव ने उनसे आगे निकल गए थे।