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झारखंड को मिले 1170 दारोगा, हजारीबाग के पुलिस अकादमी में पासिंग आउट परेड Hazaribagh News

आज के समारोह में 1170 दारोगा देश सेवा की शपथ ले रहे हैं। वहीं इस विशेष आयोजन में मुख्यमंत्री रघुवर दास 14 अक्टूबर के बाद लगातार दूसरी बार कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 10:55 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 08:13 PM (IST)
झारखंड को मिले 1170 दारोगा, हजारीबाग के पुलिस अकादमी में पासिंग आउट परेड Hazaribagh News
झारखंड को मिले 1170 दारोगा, हजारीबाग के पुलिस अकादमी में पासिंग आउट परेड Hazaribagh News

हजारीबाग, जेएनएन। दारोगा पारण परेड के दूसरे चरण में बुधवार को जेपीए अकादमी हजारीबाग में 1170 दारोगा शामिल हुए। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पारण परेड की सलामी ली। परेड के बाद प्रशिक्षु दारोगा और उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए सीएम ने उग्रवाद के खात्मे का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि हमें विरासत में उग्रवाद मिला था, आज उग्रवादी अंतिम सांसें गिन रहे हैं। हमारी सरकार ने ऐसी व्यवस्था दी है कि यहां गरीब-गुरबा, मजदूर और रिक्शा चालक के बेटा-बेटी भी दारोगा एवं अधिकारी बन रहे हैं।

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सीएम ने कहा कि ये दारोगा जब थाने में जाएंगे तो युवा जोश और नेतृत्व के सहारे उग्रवादियों पर अंतिम प्रहार किया जाएगा। आगे कहा कि आज गर्व का दिन है, यहां बैठे सभी अभिभावकों को भी गर्व महसूस हो रहा होगा। मैं उन अभिभावकों को वंदन करता हूं जिन्होंने अपने कलेजे के टुकड़ों को देश और राज्य सेवा के लिए समर्पित किया है। कर्मचारी चयन आयोग की भी सीएम ने तारीफ की।

सीएम ने कहा कि बिना किसी विवाद के साफ-सुथरे तरीके से सभी का चयन हुआ। इससे पूर्व जेपीए अकादमी और जंगल वार फेयर स्कूल नेतरहाट के 1333 दारोगा ने 14 अक्टूबर को पारण परेड में हिस्सा लिया था। पीटीसी पदमा के 1170 दारोगा में 275 बीटेक इंजीनियर हैं और 75 एमटेक, एमबीए, एमसीए, एमएससी व एमए हैं।

20 साल पहले कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे पिता, बेटी पूजा बनी झारखंड पुलिस में दारोगा 

उस दिन भी देशसेवा करने वाले सपूतों की भीड़ थी, आज भी। तिरंगा, सलामी सब कुछ वैसा ही। आंखों में आंसू भी। बस भाव बदल गए थे। तब आंसू गम के थे, आज आंसू खुशी के हैं। पूजा विभूति उरांव झारखंड पुलिस में दारोगा पद की शपथ ले रही थी। पूजा गुमला के शहीद बिरसा उरांव की बेटी है। 1999 में कारगिल में देश की रक्षा करते हुए बिरसा ने अपनी जान देश पर कुर्बान की थी। शहीद पिता का तिरंगे में लिपटा शव आज भी याद है पूजा को। तब आंखों में आंसू लिए संकल्प लिया था कि मैं भी देशसेवा करूंगी।

दारोगा बन वो सपना साकार होता दिख रहा। पूजा के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्यों की भी आंख नम थीं, बेटी के सीने पर वर्दी देखकर सीना चौड़ा हो रहा था।  बुधवार को जेपीए अकादमी हजारीबाग में 1170 दारोगा पारण परेड में शामिल हुए। इनमें से पूजा भी एक थी। गुमला के सिसई से पूजा की मां, दादा, भाई व परिवार के अन्य पहुंचे थे। राज्यसभा सदस्य समीर उरांव भी पहुंचे थे। समीर पूजा के मामा हैं। सभी दर्शक दीर्घा में बैठकर बिटिया को वर्दी में देखकर खुश थे। मां की आंखें डबडबा जाती थी। थोड़ी-थोड़ी देर पर साड़ी से अपनी आंखें पोंछती। ज्यादा कुछ नहीं कहा। बस इतना ही कि आज पूजा के पिता होते तो उनका भी सीना गर्व से फूला नहीं समाता।


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