चौपाल लगाकर बताएंगी सेविकाएं, कैसे रहें कुपोषणमुक्त Ranchi News
Jharkhand को कुपोषणमुक्त करने की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री ने पोषण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए सितंबर में रन फॉर पोषण का आयोजन करने का निर्देश दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कुपोषणमुक्त झारखंड की परिकल्पना को साकार करने तथा पोषण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए सितंबर में रन फॉर पोषण का आयोजन करने का निर्देश दिया है। इसी तरह उन्होंने आंगनबाड़ी सेविकाओं को सप्ताह में दो दिन गांव में चौपाल लगा कर गर्भवतियों को उनके खान-पान, चिकित्सा परामर्श आदि के प्रति जागरूक करने को कहा है। साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत उनका पंजीयन कराने का टास्क सौंपा है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में एक लाख महिलाओं का पंजीयन अभी कराया जाना बाकी है। सरकार इसका थर्ड पार्टी मूल्यांकन भी कराएगी। वे सोमवार को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। रघुवर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना लागू होने के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा को लेकर जागरुकता बढ़ रही है। अगर गांव की बच्चियां शिक्षित हो जाएंगी तो पलायन भी रुकेगा, कम उम्र में शादियां भी रुकेंगी और कुपोषण पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
कम उम्र में विवाह रुकने से मातृत्व व शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। उन्होंने इस योजना से अधिक से अधिक लाभुकों को जोडऩे को कहा। खासकर जिन जिलों से कम उम्र में शादी होने की अधिक सूचनाएं आती हैं, उन जिलों को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सुकन्या योजना से अब तक 60 हजार बच्चियों को जोड़ा जा चुका है। इस वर्ष 2,90,169 बच्चियों को जोडऩे की योजना है।
इस योजना में जन्म से लेकर बच्चियों की 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक सात चरणों में 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इससे इतर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 2.58 लाख लाभुकों को जोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना के निबंधित लाभुकों को सितंबर माह में प्रखंड स्तर पर कैंप लगाकर एनएससी प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया।
राज्य में गठित होंगे 12 हजार तेजस्विनी क्लब
मुख्यमंत्री ने तेजस्विनी योजना से जल्द से जल्द राज्य के 17 जिलों को जोडऩे का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इसके तहत किशोरियों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जाएगा। मौके पर अफसरों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस योजना से रामगढ़ व दुमका में अब तक 52,793 युवतियों को जोड़ा जा चुका है और 576 तेजस्विनी क्लब का गठन हो चुका है। तीन जुलाई से सभी 17 जिलों में यह योजना शुरू होगी। राज्य में 12 हजार तेजस्विनी क्लब के गठन की तैयारी है। इससे 10 लाख किशोरियों व युवतियों को जोडऩे का लक्ष्य है।
ट्रैफिकिंग की समस्या का ढूंढे निदान, सितंबर तक कंबल खरीदें
मुख्यमंत्री ने अफसरों से ट्रैफिकिंग की समस्या का ठोस निदान ढूंढने को कहा है। उन्होंने कहा है ऐसा नहीं होने पर ट्रैफिकिंग से मुक्त कराई गई बच्चियां गरीबी के कारण फिर दूसरे राज्यों में जाने को विवश होंगी। उन्होंने कहा कि रांची में ऐसी बच्चियों के लिए एक अलग आवासीय परिसर बनेगा। यहां 18 साल से अधिक उम्र की युवतियों का कौशल विकास होगा।
झारखंड में ही रोजगार मिलने से उन्हें कामकाज के लिए बाहर नहीं जाना होगा। इससे इतर छोटी बालिकाओं को सरकार पढ़ाएगी। सरकार इन सभी को साइकिल भी देगी, ताकि इन्हें प्रशिक्षण लेने व स्कूल जाने में सुविधा हो। उन्होंने गरीबों के बीच कंबल वितरण के लिए सितंबर तक कंबल की खरीदारी करने तथा अक्टूबर में इसका वितरण सुनिश्चित कराने का टास्क अफसरों को सौंपा।