रांची में CNG-PNG सप्लाई शुरू, मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सीएम रघुवर दास ने किया शुभारंभ
रांची के मेकॉन के श्यामली कॉलोनी में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पीएनजी सेवा की शुरुआत की गई है। जबकि मधुवन विहार और डोरंडा स्थित खुकरी पंप पर सीएनजी स्टेशन स्थापित किया गया है।
रांची, जेएनएन। झारखंड की राजाधानी रांची के लोगों के लिए शुक्रवार का दिन यादगार बन गया। यहां पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा अौर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीएनजी और पीएनजी सप्लाई का शुभारंभ कर रांचीवासियों को बड़ा तोहफा दिया। एचइसी जगन्नाथ मैदान में रिमोट से मधुवन विहार और डोरंडा स्थित खुकरी पंप पर स्थापित सीएनजी स्टेशन और मेकॉन के श्यामली कॉलोनी में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पीएनजी सेवा की शुरुआत की गई है।
भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती झारखण्ड पर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री @dpradhanbjp जी का हार्दिक अभिनंदन। रांची को पाइपलाइन से रसोई गैस सप्लाई की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी और धर्मेंद्र प्रधान जी का धन्यवाद। pic.twitter.com/1s8pb07i2C
— Raghubar Das (@dasraghubar) August 23, 2019
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना और शहरी गैस वितरण योजना के तहत रांची के उपभोक्ताओं के लिए सीएनजी और पीएनजी आपूर्ति की शुरुआत की गई है। पीएनजी के लिए अभी ज्यादा पैसे देने होंगे, क्योंकि रांची में अभी पीएनजी की सप्लाई पटना से टैंक के माध्यम से की जाएगी। हालांकि रांची से सप्लाई के लिए सरवल में सिटी गेट स्टेशन का काम भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। अप्रैल 2020 तक इसे पूरा हो जाने की उम्मीद है।
Fulfilling aspirations of #NewJharkhand !
Join me along with Hon. CM Jharkhand, Shri @dasraghubar and Union Min., Shri @MundaArjun at the celebration of launch of piped natural gas supply in Ranchi.
Watch Live 📡 at 10:00 AM
Clean Fuels, Better Lives!#CGD#CleanJharkhand pic.twitter.com/Pt20cXqYtv
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) August 23, 2019
एक वर्ष में खुलेंगे सीएनजी के 11 गैस स्टेशन
बताया गया है कि रांची में 90 किमी की गैस पाइप लाइन बिछाई गई है। गेल ने अगले एक वर्ष में 75 हजार वाहनों को 11 गैस स्टेशनों के माध्यम से सीएनजी सप्लाई का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही पहले फेज में तीन हजार लोगों को पीएनजी कनेक्शन दिया जा रहा है। इसे बढ़ाकर 8 हजार करने का लक्ष्य है। परियोजना की लागत 1500 करोड़ रुपये है। इसमें से 450 करोड़ रुपये अगले तीन सालों में खर्च किये जायेंगे।