झारखंड में बंट गए मंत्रालय, अब बोर्ड-निगमों की बारी; CM हेमंत ने दो दिनों में मांगी रिपोर्ट
कांग्रेस 50-50 तो झामुमो विधायकों के हिसाब से बोर्ड और निगमों में बंटवारा करने को तैयार है। सीएम ने सदस्यों के मनोनयन और पात्रता के साथ-साथ कार्यकाल की जानकारी मांगी है।
रांची, [आशीष झा]। मंत्रालय बंटवारे के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन में बोर्ड और निगमों के अध्यक्ष पद को लेकर पंचायत फंसती दिख रही है। इसका फैसला मुख्यमंत्री भी शीघ्र चाहते हैं और उन्होंने दो दिनों के अंदर बोर्ड-निगमों से संबंधित अद्यतन रिपोर्ट तलब की है। उनके निर्देश पर मुख्य सचिव ने सभी विभागों को पत्र लिखकर जवाब मांगा है और निर्देश दिया है कि रिपोर्ट में अलग से यह वर्णित हो कि सदस्यों अथवा अध्यक्ष का चयन कैसे होता है, इसके लिए पात्रता क्या है और वर्तमान सदस्यों का कार्यकाल कब तक है?
समझा जा रहा है कि सरकार अपने स्तर से विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को इन बोर्ड और निगमों में महत्वपूर्ण पद देगी। कांग्रेस इसके लिए 50-50 के फॉर्मूले की मांग कर रही है, लेकिन झामुमो विधायकों की संख्या के हिसाब से बंटवारा चाहता है। बोर्ड निगमों में राजद को कुछ नहीं मिलने की बात कही जा रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने सभी विभागों से बोर्ड-निगमों की अद्यतन रिपोर्ट तलब की है।
सभी विभाग अपने स्तर से बोर्ड, निगम, निबंधित संस्था और स्वतंत्र निकायों की जानकारी से संबंधित फाइल तैयार कर गुरुवार शाम तक सौंपेंगे। विभागों से कहा गया है कि सभी प्रकार के सरकारी और गैर सरकारी व्यक्तियों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दी जाए। इस आधार पर कुछ अधिकारियों के तबादले होंगे, तो शेष जगहों पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा। झामुमो अपने कुछ पूर्व विधायकों और वर्तमान में ऐसे विधायकों को इन बोर्ड-निगमों में जगह देना चाहता है, जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी जा सकी है। वहीं, कांग्रेस वर्तमान में अपने कार्यकारी अध्यक्षों में से दो को निश्चित तौर पर बोर्ड-निगम की जिम्मेदारी दिलवाएगी।