सिविल सर्जनों ने डिमांड की जरूरत से अधिक दवाइयां, अब लेने से इन्कार
रांची : राज्य के सिविल सर्जनों ने पहले तो जरूरत से अधिक दवाइयों की मांग राज्य सरकार से कर ली, लेकिन जब उठाव व खपत की बारी आई तो चुप्पी साध लिए।
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य के सिविल सर्जनों ने पहले तो जरूरत से अधिक दवाइयों की मांग राज्य सरकार से कर ली। लेकिन जब उसके उठाव एवं खपत की बारी आई तो चुप्पी साधकर बैठ गए। अब दवाइयां मुख्यालय में स्टॉक हो जाने से अधिकारियों की परेशानी बढ़ रही है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के पदाधिकारियों का कहना है कि सिविल सर्जनों की मांग पर निदेशक प्रमुख-स्वास्थ्य सेवाएं की अध्यक्षता वाली कमेटी स्वीकृति देती है। इसके बाद ही दवा क्रय की जाती है। दवाओं का क्रय निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत सिविल सर्जनों की मांग पर किया। लेकिन अधिसंख्य जिलों के सिविल सर्जन दवा का उठाव समय पर नहीं किया। इसके लिए उन्हें कई बार रिमाइंडर भी भेजा गया, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं पड़ा। पहले दवा की मांग करने तथा बार-बार रिमाइंडर के बावजूद दवा का उठाव नहीं करने पर मुख्यालय ने स्वयं लॉजीस्टिक ट्रक हायर कर जिलों को दवाइयां भिजवाई। बता दें कि सिविल सर्जनों ने स्लाइन, आयरन फोलिक एसिड, पारा सिटामोल आदि दवाइयां अधिक मात्रा में डिमांड कर दी। क्रय होने के बाद उनका उठाव नहीं किया। बता दें कि पहली बार दवा व अन्य मेडिकल सामग्री क्रय के केंद्रीयकृत क्रय के लिए मेडिकल प्रोक्यूरमेंट कारपोरेशन का गठन किया गया है। संभावना जता रही है कि सिविल सर्जनों ने अपने स्तर से भी दवा क्रय कर कारपोरेशन से उठाव नहीं करवाया। सही जांच हो तो नप सकते हैं कई सीएस, अफसर
आवश्यकता से अधिक दवाइयां खरीद लेने के मामले की सही जांच हो तो कई सिविल सर्जन और उनकी मांगों पर स्वीकृति देनेवाले अफसर फंस सकते हैं। अधिक दवाइयां खरीदे जाने तथा समय पर उपयोग नहीं हो पाने के लिए सिस्टम पर भी सवाल उठ रहे हैं।