नियुक्ति में लापरवाही बरत रहे सिविल सर्जन, केंद्र ने 108 पदों पर फील्ड वॉलंटियर के लिए दी है स्वीकृति
Jharkhand. बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए इम्यूनाइजेशन फील्ड वॉलंटियर की नियुक्ित की जानी है। नवंबर के बाद मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम चलाया जाना है।
रांची, राज्य ब्यूरो। सिविल सर्जन स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही तो बरतते ही हैं, उनकी लापरवाही विभिन्न पदों पर नियुक्ति में भी होती है। ऐसा ही एक लापरवाही का मामला शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए इम्यूनाइजेशन फील्ड वॉलंटियर की नियुक्ति में सामने आया है। केंद्र ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) के तहत इसके 108 पदों पर नियुक्ति की स्वीकृति दी है, लेकिन सिविल सर्जनों की लापरवाही के कारण स्वीकृत पदों पर नियुक्ति नहीं हो सकी है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने 16 जिलों में इम्यूनाइजेशन फील्ड वॉलंटियर के पदों पर निर्धारित संख्या में नियुक्ति नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए इन जिलों के सिविल सर्जनों को शीघ्र नियुक्ति का सख्त निर्देश दिया है। इनमें बोकारो, देवघर, धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग, जामताड़ा, लातेहार, पाकुड़, साहिबगंज, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा इन जिलों के सिविल सर्जनों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि गिरिडीह तथा लातेहार में एक भी इम्यूनाइजेशन फील्ड वॉलंटियर की नियुक्ति नहीं हो सकी है। वहीं, पूर्वी सिंहभूम जिले में तीन, बोकारो, गढ़वा, गोड्डा, हजारीबाग में दो-दो तथा शेष जिलों में एक-एक इम्यूनाइजेशन फील्ड वॉलंटियर का ही चयन हो सका है। उन्होंने कहा है कि नवंबर माह के बाद 'मिशन इंद्रधनुष' कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी जिलों में टीकाकरण अभियान चलाया जाना है। इम्यूनाइजेशन फील्ड वॉलंटियर की नियुक्ति नहीं होने से यह अभियान प्रभावित हो सकता है।