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    बहुचर्चित विदिशा हत्याकांड की जांच करेगी एसआइटी, पांच साल से कातिल की तलाश

    Vidisha Murder Case. हाई क्‍यू इंटरनेशनल एकेडमी की दसवीं की छात्रा विदिशा की मौत के मामले में सीआइडी के एडीजी ने आठ बिंदुओं पर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

    By Alok ShahiEdited By: Updated: Fri, 18 Jan 2019 11:39 AM (IST)
    बहुचर्चित विदिशा हत्याकांड की जांच करेगी एसआइटी, पांच साल से कातिल की तलाश

    रांची, राज्य ब्यूरो। अब बरियातू के हाई क्यू इंटरनेशनल एकेडमी की दसवीं की छात्रा विदिशा हत्याकांड की जांच विशेष जांच टीम करेगी। सीआइडी के एडीजी अजय कुमार सिंह ने एसआइटी गठित कर टीम को आठ बिंदुओं पर जांच करने का आदेश दिया है। एडीजी ने इसकी विधिवत जानकारी पुलिस मुख्यालय को दी है। वर्ष 2013 की इस बहुचर्चित मामले की जांच की जिम्मेदारी सीआइडी के पास है।

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    जब इस कांड में कोई नतीजा नहीं निकला तो पीडि़त पक्ष ने लोकायुक्त कार्यालय में इसकी शिकायत की। लोकायुक्त ने अनुसंधानकर्ता की डायरी व साक्ष्यों से कई ऐसे बिंदुओं को पकड़ा, जिसपर सीआइडी अब तक जांच की ही नहीं थी। लोकायुक्त की फटकार के बाद ही इस मामले में सीआइडी रेस हुई है और अनछुए बिंदुओं पर जांच शुरू हुई है।

    क्या है मामला : विदिशा राय हाई क्यू इंटरनेशनल एकेडमी में कक्षा दस में पढ़ती थी। वह स्कूल परिसर में ही स्थित गल्र्स हॉस्टल के कमरा नंबर 15 में रहती थी। 13 सितंबर 2013 को दिन के करीब 12 बजे उसे स्कूल प्रबंधन गंभीर हालत में रिम्स पहुंचाया था, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। तब प्रबंधन ने दावा किया था कि विदिशा हॉस्टल में पंखे से लटकी मिली थी। इतना होने के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने मृतका के पिता को केवल इतना बताया था कि विदिशा की तबीयत खराब है। जब परिजन पहुंचे तो विदिशा को मृत पाए थे। इसके बाद बरियातू थाने में विदिशा के पिता चतरा के जतराही बाग निवासी विकास कुमार राय ने स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी सुभाष क्रीपेकर व स्कूल के चेयरमैन हरिनारायण चतुर्वेदी के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

    एसआइटी में जो शामिल हैं :

    - पी. मुरुगन, एसपी एटीएस, सीआइडी : अध्यक्ष

    - मोहम्मद नेहालुद्दीन, क्षेत्रीय पुलिस उपाधीक्षक, सीआइडी रांची : सदस्य।

    - मोहम्मद कासिम, क्षेत्रीय पुलिस उपाधीक्षक, सीआइडी दुमका : सदस्य।

    - रवींद्र कुमार सिंह, पुलिस निरीक्षक, प्रभारी हत्या शाखा, सीआइडी : सदस्य।

    एसआइटी को इन बिंदुओं पर जांच का है आदेश

    - बताया गया था कि विदिशा अपने कमरे में पंखे से दुपट्टे के सहारे लटकर खुदकशी की। घटनास्थल से कोई टेबल या कुर्सी आदि नहीं मिली। छत तक विदिशा कैसे पहुंची।

    - विदिशा दुपट्टे के सहारे फांसी लगाई थी, जबकि हाई क्यू इंटरनेशनल एकेडमी में दुपट्टा रखने की अनुमति नहीं है। दुपट्टा कैसे आया।

    - जिस दुपट्टे से फांसी लगाने की बात बताई गई थी, उसी दुपट्टे को तत्कालीन अनुसंधानकर्ता दारोगा वीरेंद्र पाठक ने जब्त किया था। दुपट्टे में कोई गांठ कैसे नहीं मिली।

    - पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विदिशा के पूरे गले में गोल मार्क पाया गया है, जो आत्महत्या में संभव नहीं है।

    - पोस्टमार्टम रिपोर्ट में संबंध बनने की पुष्टि हुई थी, यह कैसे संभव हुआ, इसका पता लगाएं।

    - मृतका की भिसरा रिपोर्ट 'आर्गेनो फॉसफोरस पेस्टिसाइड' का उल्लेख है। यह जहर है। मृतका के नाखून भी नीले पड़ गए थे। उसके शरीर में जहर कैसे पहुंचा, इसकी जांच करें।

    - घटना के बाद स्कूल के संचालक व प्रशासनिक अधिकारी पुलिस के अनुसंधान में सहयोग करने के लिए उपस्थित क्यों नहीं हुए। घटना के समय अपहरण कांड दिल्ली में होने की बात बताई गई थी। तीन माह के बाद बरियातू थाने में कांड दर्ज कराई गई, यह विश्वसनीय प्रतीत नहीं होता है।

    - नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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