मुख्य सचिव बोले- स्कूलों में तय होगा शिक्षा का मानक, उसकी ग्रेडिंग भी होगी Ranchi News
Jharkhand. ग्रेडिंग के बाद इंग्लैंड की शैक्षणिक व्यवस्था शिक्षा के आदर्श स्तर की ओर बढऩे लगी थी। अच्छे शिक्षकों को प्रोत्साहित करेगी सरकार।
रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने कहा है कि शिक्षा विभाग स्कूलों में शिक्षा के स्तर का मानक तय करे तथा उसी मानक के अनुरूप स्कूलों की ग्रेडिंग करें। साथ ही, शिक्षकों के परफॉर्मेंस का पैमाना भी उसी आधार पर तय हो। उन्होंने सरकारी स्कूलों के प्रमाणीकरण और 10वीं तथा 12वीं के बाद उसके करियर से जुड़े पोर्टल को अभिनव प्रयोग बताते हुए उन्होंने कहा कि यह सब होते हुए भी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ही शैक्षणिक व्यवस्था का मूल उद्देश्य होना चाहिए।
ऐसे में शिक्षा विभाग का यह दायित्व है कि शिक्षकों को प्रशिक्षण दे तथा अन्य कमियों को दूर करते हुए शिक्षा को बेहतर बनाए। वे मंगलवार को प्रोजेक्ट बिल्डिंग सभागार में विद्यालयों के राज्य स्तरीय संवद्र्धन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्य सचिव ने कहा कि वे खुद एक शिक्षक के पुत्र हैं और सरकारी स्कूल में पढ़े हैं। वे जानते हैं कि सरकारी स्कूलों की भूमिका शिक्षा जगत में कितनी मूल्यवान है।
उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के सरकारी स्कूलों में भी एक समय शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगा था। तब वहां की प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर ने स्कूलों को शिक्षण की गुणवत्ता के मानकों से जोड़ दिया। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर स्कूलों को ग्रांट मिलने लगे। बेहतर करने वाले स्कूल और शिक्षक ज्यादा मानदेय पाने लगे। इसके बाद अधिक से अधिक मानदेय पाने की होड़ लग गई और स्कूली शिक्षा आदर्श स्तर की ओर बढऩे लगी।
उन्होंने कहा कि अभी यहां यह मॉडल लागू नहीं है, लेकिन यह जरूरी है कि शिक्षक हर स्कूल का एक मानक खुद भी तय करें। स्कूली शिक्षा के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि विभाग भविष्य में अच्छे शिक्षकों की बेहतरी और प्रोत्साहन की योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब छात्र-शिक्षक अनुपात भी दुरुस्त हो गया है। इससे पूर्व मुख्य सचिव ने विद्यालय प्रमाणीकरण की पुस्तक का विमोचन किया और बेहतर करने वाले स्कूलों के शिक्षकों और अधिकारियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
विकसित करें रोल मॉडल, कुशाग्र छात्र अपने जूनियर को लें गोद
मुख्य सचिव ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में स्थानीय रोल मॉडल विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसे लेकर ही हर प्रखंड में एक लीडर स्कूल की परिकल्पना की गई है। शैक्षणिक माहौल से युक्त एक ऐसा स्कूल, जिसमें सभी छात्र पढऩा चाहें और अभिभावक पढ़ाना चाहें। एक स्कूल दूसरे स्कूल के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कर खुद आगे बढ़ें।
उन्होंने राज्य भर से आए शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों को इस दिशा में आगे बढऩे का आह्वान किया। साथ ही, शिक्षा विभाग के करियर पोर्टल को वक्त के हिसाब से संशोधित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिर्फ डिग्रियां जुटाना शिक्षा का मानक नहीं हो सकता। शिक्षा को रोजगार और सामाजिक दायित्व का आधार बनाना होगा। उन्होंने हर स्कूल के एक कुशाग्र छात्र को अपने जूनियर छात्र को अंगीकृत कर पढ़ाने पर बल दिया।