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चीफ जस्टिस ने अदालत में ही मंगवा दिया गुटखा, सरकार से पूछा - ये कैसा प्रतिबंध

हाई कोर्ट ने कहासरकार सिर्फ कागज पर ही काम कर रही सरकार

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 01:34 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 05:12 AM (IST)
चीफ जस्टिस ने अदालत में ही मंगवा दिया गुटखा, सरकार से पूछा - ये कैसा प्रतिबंध
चीफ जस्टिस ने अदालत में ही मंगवा दिया गुटखा, सरकार से पूछा - ये कैसा प्रतिबंध

राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उस समय खामोशी छा गई जब अदालत में ही गुटखा मंगवाकर चीफ जस्टिस ने सरकार के गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर प्रतिबंध के दावे की पोल खोल दी। अदालत ने गुटखा की खुलेआम बिक्री होने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई और पूछा कि ये कैसा प्रतिबंध है, जिसमें प्रतिबंधित वस्तु बेरोकटोक बिक रही है। एक सप्ताह पहले भी इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से कहा था कि जब कानून का पालन नहीं करा सकते तो ऐसे कानून बनाते ही क्यों हैं।

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अदालत ने कहा कि सरकार सिर्फ कागज में ही काम कर रही है। जमीनी हकीकत या तो नहीं जानती या जान कर अंजान बनी हुई है। अदालत ने सरकार को अगली तिथि को राज्य में गुटखा की बिक्री पूरी तरह बंद करने का आदेश देते हुए शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि शपथपत्र में यह पूरी तरह से स्पष्ट लिखा होना चाहिए कि राज्य में गुटखा की बिक्री अब नहीं हो रही है। अदालत ने सरकार से कहा है कि जब 2017 से राज्य में गुटखे की बिक्री पर प्रतिबंध है, तो इसकी बिक्री कैसे हो रही है। इस पर रोक लगाने के पूर्व सरकार ने कोई स्टडी की थी या नहीं। यह भी पूछा कि क्या इस बात का रिकार्ड सरकार के पास है कि गुटखा कहां से पहुंच रहा है। गुटखा का सेवन करने से बीमार हो रहे लोगों की संख्या कितनी बढ़ी है। अदालत ने इसकी विस्तृत जानकारी शपथपत्र के माध्यम से दाखिल करने का निर्देश दिया।

---- देखिये, बाजार में कितनी सस्ती बिक रही मौत

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान अदालत ने खाद्य आपूर्ति विभाग के विशेष सचिव से पूछा कि प्रतिबंधित होने के बाद भी गुटखा बाजार में क्यों बिक रहा है तो सचिव ने कहा कि राज्य में गुटखे की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। इस पर चीफ जस्टिस ने असंतोष जताया और एक कर्मचारी को बाजार भेजकर गुटखा लाने को कहा। 10 मिनट में ही कर्मचारी ने पांच- छह ब्रांड का गुटखा लाकर कोर्ट में रख दिया। इस पर अदालत ने सचिव से पूछा कि यह कैसा प्रतिबंध है, आप खुद देख लीजिए। इसके बाद विशेष सचिव ने आश्वस्त किया कि इसकी जांच कर अविलंब कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद अदालत ने कहा कि बाजार में इतनी सस्ती मौत बिक रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। गुटखा में जर्दा मिलाकर लोग सेवन कर रहे हैं। भले ही यह अलग-अलग बिक रहा हो, लेकिन बाजार में जहर ही तो बिक रहा है। बिक्री पर रोक होने के बाद भी यह आसानी से बाजार में उपलब्ध है।

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फरियाद फाउंडेशन ने दाखिल की है याचिका

दरअसल, झारखंड में पान मसाला और गुटखा की बिक्री को लेकर फरियाद फाउंडेशन ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि प्रतिबंध होने के बाद भी राज्य में गुटखे की बिक्री हो रही है और सरकार कुछ नहीं कर रही है।

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