70 लाख की ठगी के लिए मंत्री के अनुशंसा पत्र को बनाया था हथियार
ठगी के आरोपित ने स्वीकार किया है कि वह खुद को कभी डीएसपी तो कभी खुद को आइबी का अधिकारी बताता था।
रांची। साइबर थाने की पुलिस ने फिल्म बनाने के नाम पर 70 लाख की ठगी करने के आरोपित निमेश कुमार को 24 घंटे के रिमांड पर लेकर पूछताछ कर जेल भेज दिया है। रिमांड पर पूछताछ के दौरान निमेश ने जालसाजी से संबंधित कई जानकारियां दी हैं। उसने बताया कि झारखंड सरकार के एक मंत्री से उसने सीएम से फिल्म बनाने की स्वीकृति दिलाने के लिए अनुशंसा करवाई थी। इस अनुशंसा पत्र को वह ठगी के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। उसने स्वीकार किया है कि वह खुद को कभी डीएसपी तो कभी खुद को आइबी का अधिकारी बताता था। उसने डीएसपी की वर्दी में खुद की खिंचाई हुई एक तस्वीर मोबाइल पर रखी था, जिसे दिखाकर वह लोगों को अपने झांसे में लेता था। इस तरीके से वह धनबाद के एक व्यवसायी समेत दर्जनों लोगों से ठगी कर चुका है।
27 जुलाई को हुआ था गिरफ्तार
निमेश धुर्वा का रहने वाला है। उसे बीते 27 जुलाई को पुलिस ने लालपुर इलाके के एक मॉल से पकड़ा था। उसके खिलाफ जगन्नाथपुर के रहने वाले सुमन कुमार ने साइबर थाना में मामला दर्ज कराया था। सुमन कुमार ने पुलिस को बताया था कि निमेश ने सीएम द्वारा फिल्म निर्माण की स्वीकृति संबंधी कई फर्जी पत्र भी दिया था। पत्र में सीएम व प्रधान सचिव के फर्जी हस्ताक्षर भी थे। इसकी प्रति भी उपलब्ध करवाई गई है। इसके अलावा सरकार और सचिवालय के अधिकारियों के हस्ताक्षर युक्त कई पत्र भी दिया था। निमेश की गिरफ्तारी के बाद चर्चा हुई थी कि एक डीएसपी गिरफ्तार हुआ था।
कई लोगों ने साइबर थाने की पुलिस से कॉल कर जानकारी भी ली थी। निमेश की दोस्ती फेसबुक के माध्यम से मार्च 2016 में जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पटेल नगर निवासी सुमन कुमार से हुई थी। इसके बाद फिल्म बनाने में होटल की बुकिंग, कैमरा मैन, फिल्म लोकेशन आदि के नाम पर 70 लाख रुपये ठग लिए थे। सुमन कुमार ने अपने चार- पांच दोस्तों से कर्ज लेकर निमेश कुमार को रुपये दिये थे।