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Chandra Grahan May 2021: साल का पहला चंद्र ग्रहण आज, जानें- समय और सूतक काल डीटेल में

Chandra Grahan May 2021 आज साल का पहला चंद्रग्रहण लग रहा है। बुद्ध पूर्णिमा के पावन मौके पर लगने वाला यह चंद्र ग्रहण कई विशेष संयोग लेकर आ रहा है। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 2 मिनट की है। इस दौरान 14 मिनट तक पूर्ण चंद्रग्रहण रहेगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 03:21 AM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 10:33 AM (IST)
Chandra Grahan 2021: 26 मई को चंद्रग्रहण लग रहा है। इस दौरान प्राय: चांद ब्लड मून सरीखा सुर्ख लाल दिखेगा।

रांची, जेएनएन। Chandra Grahan May 2021 साल 2021 का आज पहला चंद्रग्रहण लग रहा है। वैशाख महीने में बुद्ध पूर्णिमा के पावन मौके पर लग रहा यह चंद्र ग्रहण वाकई सबके लिए खास और शुभ है। यह देश-दुनिया और जनमानस के लिए विशेष संयोग लेकर आ रहा है। इसके साथ ही बुध की दशा में भी बड़ा परिवर्तन हो रहा है। ज्‍योतिषविद आज के चंद्र ग्रहण को बुध का स्‍वामी चंद्रमा के स्थिति परिवर्तन से जोड़कर देख रहे हैं।

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उनका कहना है कि बुध आज सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद 30 मई को वक्री होकर वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएगा। 9 दिनों तक इस स्थिति के बाद बुध वक्री होकर वापस अपने घर में लौट जाएगा। इस तरह यह बड़े परिवर्तनों का संकेत दे रहा है। चंद्रग्रहण के साथ बुध की स्थिति बदलने पर ज्‍योतिषविद इसे देश, राजनीति और आम आदमी के साथ कोरोना महामारी के सापेक्ष अलग तरीके से देख रहे हैं।

ज्‍योतिष के अनुसार आज का चंद्र ग्रहण अपने साथ कई विशेष संयोग लेकर आ रहा है। जो आम लोगों के लिए मंगलकारी होगा। यद्दपि की आज का चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, ऐसे में चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी भारत के लिए प्रभावी नहीं होगा। चंद्र ग्रहण के फलाफल की बात करें तो आम आदमी के जीवन में उथल-पुथल खत्‍म होने के संकेत मिल रहे हैं। सुख-शांति और समृद्धि बढ़ेगी।

चंद्रग्रहण मई 2021 बुधवार, 26 मई को लगने जा रहा है। यह साल का पहला चंद्रग्रहण है। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 2 मिनट की है। इस दौरान 14 मिनट तक पूर्ण चंद्रग्रहण रहेगा। 2 घंटे 53 मिनट तक आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा। चंद्रमा लाल रंग का दिखेगा। इस साल कुल दो बार चंद्र ग्रहण लगेगा। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा। खगोलविदों और ज्‍योतिषविदों के मुताबिक चंद्रग्रहण की अद्भुत खगोलीय घटना के समय चांद ब्लड मून सरीखा सुर्ख लाल रंग का हो जाएगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दिखेगा। इसके चलते यहां सूतक काल का असर भी नहीं होगा। चंद्र ग्रहण को दुनिया के कई देशों में देखा जा सकेगा। चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया, ओशिनिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, अलास्का और अमेरिका, कनाडा, हवाई और मेक्सिको आदि देशों में आसानी से देखा जा सकेगा। 

यहां जानें, चंद्रग्रहण की तिथि और समय

इस साल का पहला चंद्रग्रहण 26 मई, दिन बुधवार को लग रहा है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण है। इसकी शुरुआत रात 8 बजकर 47 मिनट पर और रात 1 बजकर 49 मिनट पर चंद्रग्रहण का समापन होगा। भारत में चंद्र ग्रहण नहीं दिखेगा। अमेरिका, दक्षिण-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ओशिनिया, अलास्का और कनाडा और मेक्सिको आदि देशों में इसे सुलभता से देखा जा सकेगा। खगोलशास्त्रियों की मानें तो चंद्र ग्रहण के दौरान अमेरिका में 14 मिनट तक ब्लड मून का अद्भुत नजारा दिखेगा।

5 घंटे 2 मिनट तक चंद्रग्रहण की अवधि

चंद्रग्रहण 2021 की कुल अवधि 5 घंटे 2 मिनट की बताई गई है। इस क्रम में 14 मिनट तक पूर्ण चंद्र ग्रहण रहेगा। 2 घंटे 53 मिनट तक आंशिक चंद्र ग्रहण लगेगा। यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं पड़ेगा। यहां चंद्रग्रहण नहीं देखे जाने के कारण सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

ब्लड मून के बारे में जानें

इस साल का पहला चंद्रग्रहण अपने साथ ब्लड मून को लेकर आ रहा है। सामान्‍य जिज्ञासा के हिसाब से यह जानें कि 5 घंटे 2 मिनट की चंद्र ग्रहण अवधि में 14 मिनट तक पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। इस समय चंद्रमा का रंग सुर्ख लाल दिखेगा। इसे ही ब्‍लड मून की संज्ञा दी गई है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक सीध में हों या फिर लगभग एक सीधी रेखा में तीनों नजर आने लगते हैं। चंद्र ग्रहण शुरू होने के बाद पहले चंद्रमा का रंग उजला, काला, और फिर पूर्ण चंद्र ग्रहण के समय इसका रंग सुर्ख लाल हो जाता है। इस खगोलीय प्रतिकृति को ब्लड मून का नाम दिया गया है।

इस बार का चंद्र ग्रहण अपने साथ जिस अद्भुत खगोलीय घटना को लेकर आ रहा है, उसे परिभाषित करते हुए खगोल शास्‍त्री कहते हैं कि सुपर फ्लावर ब्‍लड मून वाकई एक विस्‍मय से भरी खगोलीय घटना है। जिसमें चांद पूरी तरह सुर्ख लाल रंग का तो दिखता ही है। साथ में चंद्रमा सामान्य से बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। सुपर फ्लावर ब्‍लड मून तब होता है जब चंद्रमा पृथ्‍वी के सबसे नजदीकी बिंदु पर आकर टिकती है। और चांद की परिधि के साथ पृथ्‍वी के साथ लगभग मेल खाता है।


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